हिमाचल प्रदेश में अवैध बालू खनन : एनजीटी ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति बनायी

हिमाचल प्रदेश में अवैध बालू खनन : एनजीटी ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति बनायी

हिमाचल प्रदेश में अवैध बालू खनन : एनजीटी ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति बनायी
Modified Date: November 29, 2022 / 08:48 pm IST
Published Date: March 9, 2021 12:09 pm IST

शिमला, नौ मार्च (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में स्वान नदी में कथित अवैध खनन के संबंध में एक रिपोर्ट सौंपने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जसबीर सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति बनायी है।

समिति के सदस्यों में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी), केंद्रीय मृदा और जल संरक्षण अनुसंधान संस्थान, देहरादून और हिमालय वन अनुसंधान संस्थान, शिमला के क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ एमओईएफ एंड सीसी, चंडीगढ़ के क्षेत्रीय अधिकारी को नोडल एजेंसी बनाया गया है।

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय पीठ ने दो मार्च को अमनदीप की याचिका पर सुनवाई करते हुए पांच सदस्यीय समिति बनाने का आदेश दिया।

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याचिकाकर्ता ने 20 फरवरी को दाखिल अपनी याचिका में आरोप लगाया कि खनन लाइसेंस के नाम पर बालू माफिया को ‘राजनीतिक संरक्षण’ मिल रहा है और वे स्वान नदी में अवैज्ञानिक तरीके से खुदाई मशीनों के जरिए बालू और अन्य खनिजों का खनन कर रहे हैं।

याचिका में आगे कहा गया है कि बालू लदे ट्रकों के गुजरने से सड़कों को नुकसान होता है और वायु प्रदूषण के कारण लोगों को परेशानी होती है।

सुनवाई को 10 मई तक स्थगित करते हुए एनजीटी ने कहा कि समिति खनन वाले स्थान का दौरा कर सकती है और एक तथ्यान्वेषी रिपोर्ट सौंपेगी और समाधान का रास्ता बताएगी।

चार पन्ने के आदेश में एनजीटी ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) और ऊना के जिलाधिकारी को समिति को जरूरी सहायता मुहैया कराने को कहा है। जरूरत पड़ने पर समिति अन्य संस्थानों या विशेषज्ञों की भी मदद ले सकेगी।

पांच सदस्यीय कमेटी बनाने के अलावा एनजीटी ने राज्य के पर्यावरण सचिव, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और ऊना के जिलाधिकारी को याचिका में बताए गए तथ्यों का सत्यापन करने के बाद बालू खनन की समस्या पर रोक के लिए उचित कदम उठाने को भी कहा है।

भाषा आशीष पवनेश

पवनेश


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