राज्यसभा में कांग्रेस सहित कई दलों ने पान मसाले पर प्रतिबंध नहीं लगाने को लेकर सरकार को घेरा

राज्यसभा में कांग्रेस सहित कई दलों ने पान मसाले पर प्रतिबंध नहीं लगाने को लेकर सरकार को घेरा

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  • Publish Date - December 8, 2025 / 03:59 PM IST,
    Updated On - December 8, 2025 / 03:59 PM IST

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस सहित कई दलों ने पान मसाले पर केंद्र सरकार के उपकर लगाये जाने के प्रस्तावित कदम पर सवाल उठाते हुए जानना चाहा कि लाखों लोगों के जान को जोखिम में डालने वाली इस चीज पर देश भर में पूर्ण प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जा सकता?

उच्च सदन में स्वास्थ्य सुरक्षा से राष्ट्रीय सुरक्षा उपकर विधेयक, 2025 पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने इस बात पर आपत्ति जतायी कि इस विधेयक पर संशोधन देने के लिए राज्यसभा के सदस्यों को बहुत कम समय दिया गया। उन्होंने इस विधेयक को प्रवर समिति में भेजने का सुझाव दिया।

उन्होंने कहा कि जब सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उपकर लगाने की खातिर संसद में आयी है तो उसे यह बताना चाहिए कि जब धन नहीं था तो नया संसद भवन और नया प्रधानमंत्री कार्यालय परिसर बनाने की क्या आवश्यकता थी? उन्होंने दावा किया कि इस सरकार का विरोध करने वालों को ‘देशद्रोही’ करार दे दिया जाता है।

गोहिल ने दावा किया कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में इस बात की ओर ध्यान दिलाया गया है कि जिस वजह से उपकर लगाया जाता है, उस कोष विशेष में पूरा धन खर्च नहीं किया जाता है।

उन्होंने कहा कि पान मसाला और गुटखा पर उपकर लगाने मात्र से इसके प्रयोग को हतोत्साहित नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि देश में पर्याप्त नशा मुक्ति केंद्र बनाये बिना, इस लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि क्या देश में पान मसाला एवं गुटखा पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता?

गोहिल ने कहा कि यदि राजनीतिक दलों को मिलने वाले चुनावी बाण्ड के बारे में व्यापक जांच की जाए कि पता चल जाएगा कि गुटखे पर प्रतिबंध क्यों नहीं लग रहा? उन्होंने कहा कि आज गांव में प्राइमरी स्कूल के बच्चे भी इसे खा रहे हैं।

तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले ने चर्चा में भाग लेते हुए इसके नाम की भाषा पर आपत्ति जतायी और कहा कि यह देश के संघवाद ढांचे पर हमला है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और केंद्र सरकार ने इस क्षेत्र में उपकर लगाने का विधेयक लाकर राज्यों के अधिकार पर हमला किया।

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की तृणमूल सरकार ने स्वास्थ्य बीमा के लिए जो योजना स्वास्थ्य साथी स्कीम शुरू की है, उसमें मध्यम वर्ग शामिल है जबकि केंद्र की आयुष्मान भारत योजना में मध्यम वर्ग को शामिल नहीं किया गया।

गोखले ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अनुसार पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के लोगों को आयुष्मान भारत योजना से वंचित कर रखा है किंतु जिस राज्य में आयुष्मान योजना आने के दो साल पहले से ही स्वास्थ्य साथी योजना लागू हो वहां इसे योजना को लागू करने का क्या औचित्य है।

भाजपा के परमार जसवंत सिंह सालमसिंह ने कहा कि गुटखा खाने से न केवल कैंसर बल्कि मधुमेह जैसे कई अन्य रोगों की आशंका बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा कि इसके लंबे समय तक सेवन करने से लोगों की काम करने की क्षमता घटती जाती है।

उन्होंने कहा कि देश के संविधान निर्माताओं ने नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा को लेकर विशेष ध्यान दिया था और वर्तमान विधेयक उन्हीं लक्ष्यों को ध्यान में रखकर लाया गया है।

द्रमुक की कानिमोझी एनवीएम सोमू ने विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि देश में गुटखा के प्रचलन को अनुमति ही क्यों दी जा रही है? उन्होंने कहा कि राज्य के विषय पर केंद्र द्वारा उपकर लगाये जाने का क्या औचित्य है?

आम आदमी पार्टी के अशोक कुमार मित्तल ने विधेयक के कई प्रावधानों पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि इसमें कहा गया है कि उपकर वास्तविक उत्पादन नहीं उत्पादन इकाई में लगी मशीनों की संख्या के आधार पर लगाया जाएगा। उन्होंने कि मंदी आदि परिस्थिति में इस प्रावधान से निर्माता को नुकसान होगा।

मित्तल ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लगाये जा रहे उपकरों से राज्यों को राजस्व में नुकसान होता है। मित्तल ने भी पान मसाले के कारण लोगों के स्वास्थ्य को पहुंच रही हानि पर चिंता जतायी।

बीजू जनता दल की सुलता देव ने कहा कि केंद्र कर वसूलने के नाम पर तो संघवाद की बात करता है किंतु राज्यों को राजस्व देने के मामले में वह एकाधिकारवादी हो जाता है। उन्होंने कहा कि विधेयक में इस बात की स्पष्टता नहीं है कि इसके तहत आये धन को राज्यों को किस प्रकार दिये जाएंगे, किन योजनाओं के तहत दिये जाएंगे?

उन्होंने कहा कि पान मसाले के प्रचलन को तुरंत रोकने की आवश्यकता है।

चर्चा में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के गोला बाबू राव, अन्नाद्रमुक के एम थंबीदुरै सहित कई अन्य सदस्यों ने भी भाग लिया।

भाषा माधव अविनाश

अविनाश