हिंद महासागर के संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा पर सहयोग करेंगे भारत और यूरोपीय संघ
हिंद महासागर के संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा पर सहयोग करेंगे भारत और यूरोपीय संघ
नयी दिल्ली, तीन दिसंबर (भाषा) भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के वरिष्ठ अधिकारी हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने पर व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित करने के तहत समुद्र के नीचे बिछाए गए केबलों की सुरक्षा पर विचार-विमर्श करेंगे।
भारत और यूरोपीय संघ के वार्षिक शिखर सम्मेलन से कुछ सप्ताह पहले इस बैठक को काफी अहम माना जा रहा है।
भारत और 27 देशों के यूरोपीय संघ के बीच शिखर सम्मेलन का अगला संस्करण 27 जनवरी, 2026 को नयी दिल्ली में आयोजित होने वाला है। इस शिखर सम्मेलन में महत्वपूर्ण समुद्री अवसंरचना की सुरक्षा में संभावित सहयोग पर भी चर्चा होने की संभावना है।
भारत, यूरोपीय संघ और हिंद महासागर के देशों के लगभग 70 वरिष्ठ सैन्यकर्मी और अधिकारी शुक्रवार को व्यापक विचार-विमर्श करेंगे। इस बैठक का उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री केबलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए महत्वपूर्ण पनडुब्बी बुनियादी ढांचे को सुरक्षित करने के तरीकों पर चर्चा करना है।
यूरोपीय संघ के मुताबिक इस बैठक का उद्देश्य भारत, यूरोपीय संघ और वृहद हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बीच सहयोग को मजबूत करना है ताकि जोखिमों का मानचित्रण करके, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करके और व्यावहारिक प्रौद्योगिकी एवं नीति-आधारित समाधानों को आगे बढ़ाकर महत्वपूर्ण समुद्री अवसंरचना को सुरक्षित किया जा सके।
यूरोपीय संघ के मुताबिक डेटा केबल महाद्वीपों और राज्यों को जोड़ते हैं, द्वीपों को मुख्य भूमि से जोड़ते हैं तथा यूरोपीय संघ और भारत दोनों को शेष विश्व से जोड़ते हैं, तथा 99 प्रतिशत अंतर-महाद्वीपीय इंटरनेट ट्रैफिक का वहन करते हैं।
वैश्विक अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में वाणिज्य और डिजिटल विकास के लिए डेटा केबल अपरिहार्य हो गए हैं।
भाषा रवि कांत रवि कांत रंजन
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