National Handicrafts Award 2025: छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्प को एक और राष्ट्रीय पुरस्कार! बस्तर की इस महिला को मिलेगा ‘शिल्प गुरु’ सम्मान, दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित
समारोह में छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हिराबाई झरेका बघेल को विशेष रूप से रेखांकित किया जाएगा। उन्हें जगदलपुर से धातुकला (बेल मेटल) में उनके अद्वितीय कौशल और कला के संरक्षण के लिए सम्मानित किया जाएगा।
National Handicrafts Award 2025/ image surce: IBC24
- हस्तशिल्प पुरस्कार 2025 विज्ञान भवन में
- हिराबाई झरेका बघेल को विशेष सम्मान
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी पुरस्कार प्रदान
National Handicrafts Award 2025: नई दिल्ली: हस्तशिल्प पुरस्कार 2025 का भव्य समारोह 9 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा, जिसमें वर्ष 2023 और 2024 के उत्कृष्ट शिल्पियों को सम्मानित किया जाएगा। इस वर्ष के समारोह में छत्तीसगढ़ की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता हिराबाई झरेका बघेल को विशेष रूप से रेखांकित किया जाएगा। उन्हें जगदलपुर से धातुकला (बेल मेटल) में उनके अद्वितीय कौशल और कला के संरक्षण के लिए सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि होंगी राष्ट्रपति मुर्मू
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू होंगी, जो शिल्पियों को पुरस्कार प्रदान करेंगी और उनके उत्कृष्ट कार्य की सराहना करेंगी। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह समारोह की अध्यक्षता करेंगे, जबकि कपड़ा एवं विदेश राज्य मंत्री पबित्रा मरगेरीटा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। इस अवसर पर शिल्पियों, उनके परिवारों, कला प्रेमियों और मीडिया प्रतिनिधियों की बड़ी संख्या मौजूद रहेगी।
1965 में हुई थी राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कारों की स्थापना
राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कारों की स्थापना 1965 में हुई थी और इसका उद्देश्य उन शिल्पियों को पहचान देना है जिनके अद्वितीय कौशल ने देश की सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध किया है। इसके अलावा, “शिल्प गुरु” पुरस्कार, जो 2002 में शुरू किए गए थे, हस्तशिल्प क्षेत्र का सर्वोच्च सम्मान हैं। इस वर्ष इन पुरस्कारों के माध्यम से उन शिल्प गुरुओं को सम्मानित किया जाएगा जिन्होंने परंपरागत कला में असाधारण निपुणता, नवाचार और संरक्षण का कार्य किया है।
यह समारोह राष्ट्रीय हस्तशिल्प सप्ताह (8 से 14 दिसंबर) का प्रमुख आकर्षण होगा। इस सप्ताह के दौरान पूरे देश में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी, जिनमें हस्तकला प्रदर्शनी, विषयगत कार्यशालाएँ, क्षमता-वृद्धि कार्यक्रम, शिल्प प्रदर्शन, पैनल चर्चा, जन-जागरूकता पहल और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होंगे। इन आयोजनों का उद्देश्य न केवल शिल्प की सामाजिक-आर्थिक महत्ता को बढ़ाना होगा, बल्कि शिल्पियों को कौशल, बाजार और तकनीकी सहयोग प्रदान करना भी होगा।

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