भारत रक्षा नवाचार के स्वर्णिम युग में प्रवेश कर रहा है: राजनाथ
भारत रक्षा नवाचार के स्वर्णिम युग में प्रवेश कर रहा है: राजनाथ
नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि तेजी से बदलती दुनिया और भू-राजनीति के बीच, भारत को प्रतिक्रियावादी दृष्टिकोण से आगे बढ़कर खुद को भविष्य के लिए तैयार करने के वास्ते ‘‘सक्रिय’’ दृष्टिकोण अपनाना होगा।
सिंह ने नवाचार और स्वदेशीकरण पर नौसेना के प्रमुख कार्यक्रम ‘स्वावलंबन 2025’ में अपने संबोधन में कहा कि भारत ‘‘रक्षा नवाचार के स्वर्णिम युग’’ में प्रवेश कर रहा है।
सिंह ने यहां मानेकशॉ सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘रक्षा क्षेत्र में हमें बड़े पैमाने पर, अधिक साहस के साथ और तेज गति से आगे बढ़ना होगा।’’ सिंह ने निजी क्षेत्र से आग्रह किया कि वे केवल मुनाफा कमाने तक सीमित न रहें, बल्कि ‘मुनाफे के साथ-साथ राष्ट्रहित’ को भी ध्यान में रखें।
मंत्री ने जोर देकर कहा कि जितने अधिक नवप्रवर्तक आगे बढ़ेंगे, भारत उतना ही अधिक सुरक्षित, सक्षम और आत्मनिर्भर बनेगा।
प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी, सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी, डीआरडीओ के अध्यक्ष समीर वी. कामत और रक्षा क्षेत्र के कई विशेषज्ञ एवं नवप्रवर्तक मंच पर उपस्थित थे।
अपने संबोधन से पहले, सिंह ने प्रदर्शनी हॉल का भी दौरा किया और मंगलवार से शुरू हुए दो-दिवसीय कार्यक्रम में भाग लेने वाले कुछ लोगों से बातचीत की।
वर्ष 2022 में पहली बार शुरू हुआ यह आयोजन एक राष्ट्रीय मंच के रूप में विकसित हो गया है, जहां ‘एमएसएमई’ और ‘स्टार्टअप’, सशस्त्र बलों की परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने में उत्पन्न चुनौतियों के आधार पर अपने समाधान प्रदर्शित करते हैं।
‘स्वावलंबन 2025’ का आयोजन नौसेना के नेतृत्व में लगभग दो सप्ताह तक चले अभ्यास ‘त्रिशूल’ के समापन के कुछ दिनों बाद किया जा रहा है।
‘त्रिशूल’ का समापन 13 नवंबर को गुजरात के पोरबंदर में सौराष्ट्र तट पर हुआ था।
भाषा सुरेश अविनाश
अविनाश

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