भारत ने जलवायु सम्मेलन में नेतृत्वकारी की भूमिका निभाई, सभी प्रमुख लक्ष्य हासिल किए: भूपेंद्र यादव
भारत ने जलवायु सम्मेलन में नेतृत्वकारी की भूमिका निभाई, सभी प्रमुख लक्ष्य हासिल किए: भूपेंद्र यादव
(फोटो के साथ)
(त्रिदीप लहकर)
गुवाहाटी, 30 नवंबर (भाषा) केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने हाल में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सीओपी30 जलवायु सम्मेलन को समानता और जलवायु न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि भारत ने वैश्विक वार्ताओं में अपने सभी प्रमुख लक्ष्यों को हासिल किया है और देश के दृष्टिकोणों को सभी महत्वपूर्ण निर्णयों में प्रतिबिंबित किया गया है।
ब्राजील में आयोजित सीओपी30 सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले यादव ने कहा कि भारत ने बेसिक (ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, भारत, चीन) समूह और समान विचारों वाले विकासशील देशों (एलएमडीसी) के समूह में खुद को एक प्रमुख नेता के रूप में स्थापित किया।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, “सीओपी30 समानता और जलवायु न्याय को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत ने विशेष रूप से विकासशील देशों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने सभी प्रमुख दृष्टिकोण दृढ़ता से सामने रखे। हम परिणामों से संतुष्ट हैं, खासकर अनुच्छेद 9.1 कार्य योजना की स्थापना के संदर्भ में।”
उन्होंने कहा कि जलवायु वित्त, ‘यूनिलेटरल ट्रेड मेजर’ (यूटीएम), अनुकूलन, प्रौद्योगिकी और अन्य विषयों पर भारत की चिंताएं पूरी तरह से व्यक्त की गईं और अंतिम निर्णयों में शामिल की गईं।
संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) के वार्षिक ‘कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज’ (सीओपी) में 194 देशों के वार्ताकारों ने भाग लिया। सीओपी 30 सम्मेलन 10 से 22 नवंबर तक ब्राजील के बीलेम शहर में आयोजित हुआ था।
यादव से जब पूछा गया कि क्या भारत ने इस सीओपी में जलवायु परिवर्तन से निपटने के प्रयासों में कुछ हासिल किया, तो उन्होंने कहा, “हां, भारत ने अपने सभी प्रमुख लक्ष्यों को हासिल किया। भारत का रुख सभी निर्णय पत्रों में प्रतिबिंबित हुआ है। मुख्य लाभों में जलवायु वित्त कार्य योजना शामिल है।”
यादव ने कहा कि भारत ने सीओपी30 में नेतृत्वकारी की भूमिका निभाई और बेसिक समूह का नेतृत्व किया, एलएमडीसी की आवाज बना और अध्यक्ष के साथ करीबी सहयोग किया।
उन्होंने कहा, “इसके माध्यम से भारत ने अंतिम परिणामों को महत्वपूर्ण रूप से आकार देने के लिए व्यापक समर्थन प्राप्त किया। 29 निर्णयों को सहमति से अपनाया गया।”
भाषा जोहेब सुरभि
सुरभि

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