नयी दिल्ली, 13 दिसंबर (भाषा) भारत ने अनुच्छेद 370 के निरसन पर उच्चतम न्यायालय के मुहर लगाने पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) द्वारा की गई टिप्पणी को बुधवार को पूरी तरह से खारिज किया और कहा कि बयान गलत सूचना तथा गलत मंशा पर आधारित है।
अनुच्छेद 370 जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता था।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘मानवाधिकारों का बार-बार उल्लंघन करने वाले और बिना किसी पछतावे के सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले (देश) की शह पर ओआईसी की ओर से की गई टिप्पणी उसके कृत्य को और संदिग्ध बनाती है।’’
बागची ने किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन स्पष्टत: इशारा पाकिस्तान की ओर था।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत उच्चतम न्यायालय के फैसले पर इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिवालय की ओर से जारी बयान को खारिज करता है। यह गलत सूचना और गलत मंशा पर आधारित है।’’
बागची ने कहा, ‘‘ओआईसी ने मानवधिकारों का बार-बार उल्लंघन करने वाले और बिना किसी पछतावे के सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले देश के इशारे पर ऐसा किया है तथा यही बात उसके इस कृत्य को और संदिग्ध बनाती है। ऐसे बयान ओआईसी की विश्वसनीयता को कमतर करने का काम ही करते हैं।’’
वह मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।
ओआईसी महासचिवालय ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय के फैसले पर चिंता प्रकट की थी। इसने एक बयान में जम्मू कश्मीर के लोगों के साथ अपनी एकजुटता की बात भी दोहराई थी।
उच्चतम न्यायालय ने अनुच्छेद 370 के निरसन के पांच अगस्त, 2019 के केंद्र के निर्णय पर सोमवार को मुहर लगा दी थी।
भाषा राजकुमार नेत्रपाल
नेत्रपाल
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