India on Jammu-Kashmir in UN

India on Jammu-Kashmir in UN: ‘जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा..’ संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने पाकिस्तान को लिया आड़े हाथ

India on Jammu-Kashmir in UN: 'जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा..' संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने पाकिस्तान को लिया आड़े हाथ |

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Modified Date: March 15, 2025 / 10:47 AM IST
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Published Date: March 15, 2025 10:47 am IST
HIGHLIGHTS
  • भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जम्मू-कश्मीर के ‘‘अनुचित’’ जिक्र के लिए पाकिस्तान की आलोचना की
  • जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा-पार्वथानेनी हरीश
  • पाकिस्तान की पूर्व विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने जम्मू-कश्मीर का उल्लेख किया था जिसके बाद हरीश ने यह कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

संयुक्त राष्ट्र। India on Jammu-Kashmir in UN: भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जम्मू-कश्मीर के ‘‘अनुचित’’ जिक्र के लिए पाकिस्तान की आलोचना की, साथ ही कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से न तो पाकिस्तान के दावे वैध हो जाते हैं और न ही सीमा पार आतंकवाद की उसकी गतिविधियां न्यायसंगत। संयुक्त राष्ट्र, न्यूयॉर्क में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, पार्वथानेनी हरीश कहते हैं, “जैसा कि उनकी आदत है। दरअसल ‘इंटरनेशनल डे टू कॉम्बैट इस्लामोफोबिया’ पर महासभा की एक अनौपचारिक बैठक में पाकिस्तान की पूर्व विदेश सचिव तहमीना जंजुआ ने जम्मू-कश्मीर का उल्लेख किया था जिसके बाद हरीश ने यह कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

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India on Jammu-Kashmir in UN: पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव ने आज भारतीय संघ शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर का अनुचित संदर्भ दिया है। बार-बार संदर्भ देने से न तो उनके दावे की पुष्टि होगी और न ही सीमा पार आतंकवाद के उनके अभ्यास को उचित ठहराया जा सकेगा। इस देश की कट्टरपंथी मानसिकता जगजाहिर है, साथ ही कट्टरता का उसका रिकॉर्ड भी। इस तरह के प्रयासों से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।”

वे आगे कहते हैं, “हमने हाल ही में पूजा स्थलों और धार्मिक समुदायों को निशाना बनाकर हिंसा में चिंताजनक वृद्धि देखी है। इसका मुकाबला केवल सभी सदस्य देशों द्वारा सभी धर्मों के लिए समान सम्मान के सिद्धांत के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता और ठोस कार्रवाई से ही किया जा सकता है। सभी देशों को अपने सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए और ऐसी नीतियों का पालन नहीं करना चाहिए जो धार्मिक भेदभाव को बढ़ावा देती हों।

हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि शिक्षा प्रणाली रूढ़िवादिता को कायम न रखे या कट्टरता को बढ़ावा न दे। इस दिन को मनाते समय हमें याद रखना चाहिए कि इस्लामोफोबिया के खिलाफ लड़ाई धार्मिक भेदभाव के सभी रूपों के खिलाफ व्यापक संघर्ष से अविभाज्य है, जैसा कि 1981 की घोषणा में सही ढंग से परिकल्पित किया गया था। आइए हम एक ऐसे भविष्य की दिशा में काम करें जहाँ हर व्यक्ति, चाहे उसका धर्म कुछ भी हो, गरिमा, सुरक्षा और सम्मान के साथ रह सके।”

1. भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान की आलोचना क्यों की?

भारत ने पाकिस्तान की आलोचना इस कारण की क्योंकि पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर का ‘‘अनुचित’’ जिक्र किया था। भारत ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियों से पाकिस्तान के दावे वैध नहीं होते और न ही सीमा पार आतंकवाद की उसकी गतिविधियां न्यायसंगत होती हैं।

2. भारत का कहना क्या था कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है?

भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा। पाकिस्तान के दावे और आतंकवाद की गतिविधियों को यह कोई वैधता नहीं देता।

3. पाकिस्तान के कट्टरपंथी रुख के बारे में भारत ने क्या कहा?

भारत ने पाकिस्तान के कट्टरपंथी मानसिकता और कट्टरता के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान का यह रुख कोई वास्तविकता नहीं बदल सकता।

4. पाकिस्तान द्वारा भारत में धार्मिक समुदायों और पूजा स्थलों को निशाना बनाने के बारे में भारत ने क्या कहा?

भारत ने चिंता जताई कि पाकिस्तान में पूजा स्थलों और धार्मिक समुदायों को निशाना बनाकर हिंसा में वृद्धि हो रही है। उन्होंने सभी देशों से समान सम्मान और धार्मिक भेदभाव के खिलाफ ठोस कदम उठाने की अपील की।

5. संयुक्त राष्ट्र में भारत ने जम्मू-कश्मीर पर पाकिस्तान के जिक्र पर क्या प्रतिक्रिया दी?

भारत ने पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर पर अनुचित टिप्पणी को खारिज करते हुए यह स्पष्ट किया कि ऐसे जिक्र से पाकिस्तान के दावे को कोई समर्थन नहीं मिलेगा। भारत ने इसे धार्मिक भेदभाव और कट्टरता के खिलाफ संघर्ष के संदर्भ में भी उठाया।