भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरूत्थान के संकेत प्रदर्शित कर रही है : सरकार

भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरूत्थान के संकेत प्रदर्शित कर रही है : सरकार

भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरूत्थान के संकेत प्रदर्शित कर रही है : सरकार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:06 pm IST
Published Date: July 19, 2021 9:23 am IST

नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) सरकार ने सोमवार को कहा कि कोविड-19 के चलते पहले कभी नहीं देखे गये प्रभावों के कारण उत्पन्न संकुचन के बाद इस वर्ष की दूसरी छमाही में भारत की आर्थिक संभावनाओं में सुधार के संकेत मिलने की पुष्टि हुई है तथा भारतीय अर्थव्यवस्था के पटरी पर आने के संकेत भी मिल रहे हैं ।

लोकसभा में एस जगतरक्षकन के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने यह बात कही । जगतरक्षकन ने पूछा था कि क्या यह सही है कि भारत में अर्थव्यवस्था के सतत रूप से उबरने के मार्ग में अब भी कई जोखिम हैं । उन्होंने यह भी प्रश्न किया था कि थोक मूल्य मुद्रास्फीति द्वारा हाल ही में नये रिकार्ड बनाने तथा मूल मुद्रास्फीति के भी इस समय काफी अधिक होने के मद्देनजर सरकार द्वारा क्या क्या कदम उठाये गए ?

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 की जनवरी-मार्च तिमाही के लिये उपलब्ध अनंतिम सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अनुमान कोविड-19 के अभूतपूर्व प्रभाव के कारण उत्पन्न संकुचन के बाद इस वर्ष की दूसरी छमाही में भारत की आर्थिक संभावनाओं में तीव्र सुधार की पुष्टि होती है ।

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उन्होंने कहा कि भारत की वास्तविक जीडीपी के वित्तीय वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में 0.5 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 1.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है ।

चौधरी ने कहा कि आर्थिक सुधार की यह गति कोविड-19 की दूसरी लहर के प्रारंभ से सामान्य हो गई थी ।

उन्होंने कहा, ‘‘ भारतीय अर्थव्यवस्था पुनरूत्थान के संकेत प्रदर्शित कर रही है ।’’

वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि लक्षित राजकोषिय राहत, पूंजीगत व्यय के लिये मजबूत सहायता, आरबीआई की मौद्रिक नीति उपाए और तीव्र टीकाकरण अभियान के बीच मई 2021 में दूसरी लहर चरम पर पहुंच गई थी ।

चौधरी ने कहा कि भारत सरकार ने दालों, तिलहनों जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों को नियंत्रण में रखना सुनिश्चित करने के लिये एक बहु आयामी रणनीति तैयार की है जिसमें अन्य बातों के साथ साथ 2 जुलाई 2021 को थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, मिल मालिकों और आयातकों के लिये लागू दलहनों पर स्टाक सीमाएं लगाने का आदेश जारी करना, मूल्य निगरानी केंद्रों की संख्या में वृद्धि करना, खाद्य जिन्सों की शीघ्र निकासी की निगरानी करना जैसे कदम शामिल हैं ।

भाषा दीपक

दीपक माधव

माधव


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