भारतीय अर्थव्यवस्था की गति मंद पड़ रही है: चिदंबरम

भारतीय अर्थव्यवस्था की गति मंद पड़ रही है: चिदंबरम

भारतीय अर्थव्यवस्था की गति मंद पड़ रही है: चिदंबरम
Modified Date: March 19, 2023 / 12:31 am IST
Published Date: March 19, 2023 12:31 am IST

नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि भारत विकास कर रहा है, लेकिन क्रमिक तिमाही वृद्धि दर गिर रही है और अर्थव्यवस्था की गति मंद पड़ रही है।

चिदंबरम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर गरीबों और अत्यंत गरीबों की ‘‘उपेक्षा’ करने का भी आरोप लगाया।

उन्होंने कहा, ‘वास्तविकता यह है कि हम बढ़ रहे हैं, लेकिन तिमाही दर तिमाही विकास या क्रमिक तिमाही वृद्धि घट रही है, यथा- पहली तिमाही में 13.2 प्रतिशत, दूसरी में 6.3 प्रतिशत, तीसरी में 4.4 प्रतिशत और चौथी तिमाही में मेरा अनुमान इसके 4.1 प्रतिशत और 4.3 प्रतिशत के बीच रहने का है।’’

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‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ में चिदंबरम ने कहा, ‘इसलिए, यह गिरती तिमाही विकास दर है, जिसका मतलब है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंद हो रही है।’

दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत के तेजी से बढ़ने के बारे में पूछे जाने पर पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यह कहने में कोई शेखी नहीं है कि मैं अंधों का काना राजा हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘चीन भारत से साढ़े पांच गुना बड़ा है। इसलिए प्रासंगिक संख्या प्रति व्यक्ति आय है और प्रति व्यक्ति आय की दृष्टि से हम अब भी एक बहुत गरीब देश हैं।’

चिदंबरम ने यह भी कहा कि महामारी के दौरान राजकोषीय प्रोत्साहन न देना भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-नीत राजग सरकार की गलती थी।

उन्होंने कहा, ‘राजकोषीय प्रोत्साहन नहीं देकर सरकार ने गलत किया था। इसलिए तीन करोड़ लोगों को दूसरे शहरों और राज्यों से बिहार एवं उत्तर प्रदेश वापस जाना पड़ा था।’

यह पूछे जाने पर कि वह कौन सी एक चीज होगी, जिसके लिए वह मोदी सरकार को श्रेय देंगे, चिदंबरम ने कहा कि वह इस सरकार को घाटे और ऋण प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए श्रेय देंगे।

चिदंबरम ने कहा, ‘मुझे इसका श्रेय देने में कोई हिचकिचाहट नहीं है, लेकिन मैं सिर्फ इतना कह रहा हूं कि अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।’

उन्होंने कहा, ‘‘इतनी ऊर्जा, कर्मशक्ति और अपनी पार्टी पर नियंत्रण रखने वाला एक प्रधानमंत्री बहुत अधिक (कार्य) कर सकता है। इसके बजाय, हम एक गैर-साक्षात्कार और वृत्तचित्र के बारे में बात कर रहे हैं। हम उन चीजों पर समय क्यों बर्बाद कर रहे हैं?’

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य नीलकंठ मिश्रा ने कहा कि अभी जो अत्यंत महत्वपूर्ण बात है वह यह है कि इस वैश्विक वित्तीय उथल-पुथल में यदि भारत को एक स्थिर अर्थव्यवस्था के रूप में देखा जाए तो यह विदेशी निवेशकों, विदेशी कंपनियों को आकर्षित करना जारी रखेगा, जो कौशल और प्रौद्योगिकी ला सकता है। मिश्रा ने यह भी तर्क दिया कि तिमाही जीडीपी आंकड़े बेहद गलत हैं।

भाषा सुरेश आशीष

आशीष


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