Indian Railways: रेलवे को मिली पहली स्वदेशी एल्यूमीनियम रेक ट्रेन, रेल मंत्री ने दिखाई हरी झण्डी, जानें क्या है खास

Indian Railways: रेलवे को मिली पहली स्वेदशी एल्यूमीनियम रेक ट्रेन, रेल मंत्री ने दिखाई हरी झण्डी, first indigenous aluminum rake train

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  • Publish Date - October 16, 2022 / 07:50 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:09 PM IST

The first indigenous aluminum rake train: नई दिल्ली। रेलवे के लिए स्वदेश निर्मित पहले एल्यूमीनियम माल ढुलाई रेक को ओडिशा के भुवनेश्वर से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। यह रेक पहले की तुलना में हल्का है, लेकिन इसकी क्षमता अधिक माल ढुलाई की है।

रेलवे ने बताया कि बेस्को लिमिटेड वैगन डिवीजन और एल्यूमीनियम क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हिंडाल्को के सहयोग से निर्मित वैगन का वजन घटाने के लिए इसका प्रति क्विंटल कार्बन फुटप्रिंट भी कम है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस रेक को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

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The first indigenous aluminum rake train: रेलवे के अनुसार, यह रेक मौजूदा स्टील रेक की तुलना में 180 टन हल्का है, जिसके परिणामस्वरूप समान दूरी के लिए गति में वृद्धि तो होती ही है, बिजली की खपत भी कम होती है। यह पारंपरिक रेक की तुलना में प्रति ट्रिप 180 टन अतिरिक्त पेलोड ले जा सकता है और अपरदन प्रतिरोधी होने के कारण, इसके रखरखाव की लागत कम होगी।

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The first indigenous aluminum rake train: रेलवे ने कहा कि नये रेक का पुनर्विक्रय मूल्य 80 प्रतिशत है और सामान्य रेक की तुलना में यह 10 साल अधिक चलता है, हालांकि, इसकी विनिर्माण लागत 35 प्रतिशत अधिक है, क्योंकि अधिरचना पूर्ण रूप से एल्यूमीनियम की होती है।

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