इंडिगो व्यवधान: माकपा नेता ने जांच की मांग की; एयरलाइन-डीजीसीए के बीच संभावित टकराव का दावा
इंडिगो व्यवधान: माकपा नेता ने जांच की मांग की; एयरलाइन-डीजीसीए के बीच संभावित टकराव का दावा
नयी दिल्ली, सात दिसंबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव एमए बेबी ने इंडिगो में हुए व्यवधान की रविवार को जांच की मांग की तथा संशोधित सुरक्षा मानदंडों के कार्यान्वयन को रोकने एवं ‘‘आपदा में अवसर’’ का लाभ लेने के लिए एयरलाइन कंपनियों एवं नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के बीच ‘‘संभावित मिलीभगत’’ का आरोप लगाया।
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में बेबी ने इन व्यवधानों को इंडिगो एयरलाइंस द्वारा एक ‘‘आपराधिक कार्रवाई’’ कहा तथा केंद्र सरकार पर इस संकट के प्रति ‘‘नरम और कमजोर’’ प्रतिक्रिया देने का आरोप लगाया।
माकपा महासचिव ने कहा, ‘‘नागरिक उड्डयन क्षेत्र में अभूतपूर्व संकट पर केंद्र सरकार द्वारा देर से उठाई गई और नरम प्रतिक्रिया अस्वीकार्य है। घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि इंडिगो एयरलाइन की ओर से आपराधिक कार्रवाई की गई और संशोधित सुरक्षा मानदंडों के कार्यान्वयन को रोकने तथा इस आपदा में अवसर तलाशने के लिए एयरलाइन कंपनियों की डीजीसीए के साथ संभावित मिलीभगत थी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता है। स्वप्रेरणा से कार्रवाई की जानी चाहिए और सभी पीड़ित यात्रियों को तुरंत पूरा पैसा वापस किया जाना चाहिए तथा उन्हें जो कुछ सहना पड़ा उसके लिए पर्याप्त मुआवजा दिया जाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा कि यह ध्यान देने योग्य बात है कि यह स्थिति एअर इंडिया के निजीकरण और केंद्र सरकार कृपा से निजी क्षेत्र के एकाधिकार के निर्माण के कारण उत्पन्न हुई है। यह उन कॉरपोरेट घरानों के पक्ष में है जो भाजपा को भारी मात्रा में धन दान करने के लिए जाने जाते हैं।
उन्होंने कहा कि यात्रियों और श्रमिकों दोनों की सुरक्षा को नजरअंदाज कर बड़े पैमाने पर मुनाफाखोरी का रास्ता तैयार किया गया है तथा नियामक संस्थाएं इस ओर आंखें मूंदे बैठी हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। मामले की व्यापक जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति या न्यायिक आयोग का गठन किया जाना चाहिए।’’
भाषा सुरभि रंजन
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