Vande Bharat: दलित IPS का सुसाइड..सियासी फाइट! 7 दिन बाद भी नहीं हुआ पोस्टमॉर्टम, FIR और गिरफ्तारी के बिना परिवार ने ठुकराया अंतिम संस्कार
IPS Y Puran Kumar News: दलित IPS का सुसाइड..सियासी फाइट! 7 दिन बाद भी नहीं हुआ पोस्टमॉर्टम, FIR और गिरफ्तारी के बिना परिवार ने ठुकराया अंतिम संस्कार
IPS Y Puran Kumar News | Photo Credit: IBC24
- हरियाणा में दलित IPS की मौत से मचा बवाल
- FIR और गिरफ्तारी के बिना परिवार ने ठुकराया अंतिम संस्कार”
- DGP पर लगा प्रताड़ना का आरोप
नई दिल्ली: IPS Y Puran Kumar News हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के सुसाइड का मामला देशभर में लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। हरियाणा सरकार पसोपेश में है क्योंकि वाई पूरन कुमार का परिवार आरोपी अफसरों पर कार्रवाई होने तक अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं हुआ है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और LJP नेता चिराग पासवान भी इसे लेकर मंगलवार को पीड़ित परिवार से मिल हैं।
IPS Y Puran Kumar News हरियाणा के सीनियर IPS अफसर वाई पूरन कुमार के सुसाइड मामले को 7 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक उनके शव का पोस्टमॉर्टम नहीं हो पाया है। पीड़ित परिवार दोषी अफसरों के खिलाफ FIR और गिरफ्तारी की मांग पर अड़ा है। जिसमें हरियाणा के DGP तक शामिल है। मामला एक दलित IPS अफसर की प्रताड़ना और सुसाइड को होने के चलते ये खासा सियासी तूल भी पकड़ चुका है। मंगलवार को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी पीड़ित परिवार से मिले और IPS वाई पूरन कुमार को श्रद्धांजलि दी। और हरियाणा में दलितों के अत्याचार का आरोप लगाया।
कांग्रेस ही नहीं बल्कि मोदी सरकार में साझेदार लोक जनशक्ति पार्टी भी इस मामले को लेकर गंभीर है। मंगलवार को LJP चीफ चिराग पासवान भी वाई पूरन कुमार के परिवार से मिलने उनके घर पहुंचे। पूरन कुमार को श्रद्धांजलि दी और कहा कि परिवार की हर मांगें पूरी की जाएगी और पुरन कुमार को न्याय जरुरी मिलेगा।
आईजी वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ में 7 अक्टूबर को खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। अपने सुसाइड नोट में पूरन कुमार ने DGP शत्रुजीत कपुर समेत 15 अफसरों के खिलाफ मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था। हरियाणा की सैनी सरकार ने भारी दबाव के बीच DGP शत्रुजीत कपुर को छुट्टी पर भेज दिया, लेकिन पुरन सिंह की पत्नी जो खुद भी IAS अधिकारी है। दोषी अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होने तक पुरन सिंह के पोस्टमार्टम से साफ इंकार कर चुकी है। दूसरी तरफ दलित महापंचायत ने सरकार को 48 घंटे में दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी। साफ है कि सैनी सरकार भारी दबाव में है।

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