इसरो का लक्ष्य श्रीहरिकोटा में चार साल के भीतर तीसरा प्रक्षेपण पैड सक्रिय करना : वैज्ञानिक

इसरो का लक्ष्य श्रीहरिकोटा में चार साल के भीतर तीसरा प्रक्षेपण पैड सक्रिय करना : वैज्ञानिक

इसरो का लक्ष्य श्रीहरिकोटा में चार साल के भीतर तीसरा प्रक्षेपण पैड सक्रिय करना : वैज्ञानिक
Modified Date: December 28, 2025 / 02:51 pm IST
Published Date: December 28, 2025 2:51 pm IST

चेन्नई, 28 दिसंबर (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र पर तीसरा प्रक्षेपण पैड विकसित करने की प्रक्रिया में है और वर्तमान में इसके लिए उपयुक्त कंपनियों की तलाश की जा रही है। यह जानकारी एक शीर्ष वैज्ञानिक ने दी है।

तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 135 किलोमीटर पूर्व में स्थिति श्रीहरिकोटा परिसर 175 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह बेंगलुरु स्थित अंतरिक्ष एजेंसी को विभिन्न प्रक्षेपण यानों के जरिये उपग्रहों को कक्षा में पहुंचाने की सेवा मुहैया कराता रहा है।

श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक और प्रख्यात वैज्ञानिक पद्मकुमार ईएस ने कहा कि अंतरिक्ष में विभिन्न कक्षाओं में 12,000-14,000 किलोग्राम से अधिक वजन वाले बड़े उपग्रहों को स्थापित करने की योजना पर आगे बढ़ने के लिए इसरो को बड़े प्रक्षेपण यानों की आवश्यकता है।

 ⁠

उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए इसरो तीसरे प्रक्षेपण पैड की योजना बना रहा है।

पद्मकुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से हालिया बातचीत में कहा, ‘‘हमारी योजना चार साल में तीसरा ‘लॉन्च पैड’ स्थापित कर संचालित करने की है। इसके लिए प्रक्रिया चल रही हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम खरीद प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं और इस विशाल परियोजना के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए उपयुक्त कंपनियों की पहचान कर रहे हैं।’’

इसरो के मुताबिक, एजेंसी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर सतीश धवन की स्मृति में पांच सितंबर, 2002 को इस अंतरिक्ष प्रक्षेपण स्थल का नाम बदलकर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) कर दिया गया था।

इस अंतरिक्ष प्रक्षेपण केंद्र का परिचालन अक्टूबर 1971 में ‘रोहिणी-125’ रॉकेट के प्रक्षेपण के साथ शुरू हुआ। तब से, अंतरिक्ष एजेंसी की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए यहां की सुविधाओं का धीरे-धीरे विस्तार किया गया है।

भाषा

धीरज सुरेश

सुरेश


लेखक के बारे में