भारत में जेपीएल-कालटेक की साझेदारी की तरह मिशन पर काम कर रहा है इसरो

भारत में जेपीएल-कालटेक की साझेदारी की तरह मिशन पर काम कर रहा है इसरो

भारत में जेपीएल-कालटेक की साझेदारी की तरह मिशन पर काम कर रहा है इसरो
Modified Date: November 29, 2022 / 08:06 pm IST
Published Date: March 26, 2021 9:28 am IST

बेंगलुरु, 26 मार्च (भाषा) भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईएसटी) को बहुत ऊंचाई पर स्थित भविष्य की अनुसंधान अंतरिक्षीय कक्षा में ले जाने के लिए एक अलग तरह के मिशन पर इसरो काम कर रहा है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आईआईएसटी के साथ उसी तरह का करार किया है जिस तरह अमेरिका में जेपीएल-कालटेक मॉडल है।

जेपीएल (जेट प्रपल्शन लैबोरेटरी) अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा द्वारा वित्तपोषित प्रयोगशाला है जिसका प्रबंधन कालटेक (कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) संभालता है।

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कालटेक-जेपीएल मॉडल की तरह ही इसरो के केंद्रों और आईआईएसटी के बीच संयुक्त अनुसंधान गतिविधियों के समन्वय के लिए एक विशेष रूपरेखा तैयार की गयी है। इसमें यहां इसरो मुख्यालय पर स्थित सीबीपीओ (क्षमता निर्माण कार्यक्रम कार्यालय) केंद्रबिंदु के रूप में काम करेगा।

इसरो के केंद्रों के लिए महत्व वाली अनुप्रयोग-केंद्रित अनुसंधान परियोजनाओं को चिह्नित करने तथा आईआईएसटी के संकाय सदस्यों की रुचि के अनुरूप एक आधुनिक अंतरिक्ष अनुसंधान समूह गठित किया गया है।

प्रस्तावों की समीक्षा करने और उन्हें मंजूरी देने के लिए एक अधिकारप्राप्त निगरानी समिति गठित की गयी है।

सीबीपीओ के निदेशक पी वी वेंकटकृष्णन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि इस पहल के तहत बहुत आधुनिक, पूरी तरह नयी और इस तरह की भविष्योन्मुखी परियोजनाओं को लिया जाएगा, जैसा अभी तक इसरो ने कुछ नहीं किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी 28 से 30 परियोजनाएं चिह्नित की गयी हैं।’’

इसमें दो से तीन वर्ष, तीन से पांच वर्ष और सात वर्ष तक की परियोजनाएं आईआईएसटी के संकाय सदस्यों द्वारा संचालित की जाएंगी।

वेंकटकृष्णन के अनुसार, तिरुवनंतपुरम में स्थित आईआईएसटी अंतरिक्ष विभाग के अधीन स्वायत्त संस्थान है तथा कालटेक की तरह ही ‘डीम्ड टू बी’ विश्वविद्यालय है।

साझेदारी के जेपीएल-कालेटक के स्तर तक पहुंचने में लगने वाली समय-सीमा के बारे में पूछे जाने पर वेंकटकृष्णन ने कहा, ‘‘हम ऐसा आठ से दस साल में होने की उम्मीद कर रहे हैं। यही हमारी आकांक्षा और हमारा उद्देश्य है।’’

गौरतलब है कि कालटेक के सदस्यों द्वारा संस्थापित नासा का जेपीएल सौर तंत्र के रोबोटिक अन्वेषण का अग्रणी केंद्र है।

भाषा

वैभव मनीषा

मनीषा


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