सबूत इकट्ठे करना जांच एजेंसी का काम: अदालत |

सबूत इकट्ठे करना जांच एजेंसी का काम: अदालत

सबूत इकट्ठे करना जांच एजेंसी का काम: अदालत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : November 27, 2022/6:44 pm IST

नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने सेना के एक डॉक्टर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देते हुए कहा कि सबूत इकट्ठे करने का काम जांच एजेंसी का है और इसके लिए विस्तृत छानबीन की जरूरत है जो शिकायतकर्ता की क्षमता से बाहर है।

अदालत एक शिकायत पर सुनवाई कर रही थी जिसमें डॉक्टर के खिलाफ एक गाड़ी को चोरी के मकसद से उसका ‘लॉक’ और शीशे तोड़ने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने का आग्रह किया गया है।

मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट छाया त्यागी ने कहा कि अपराध को अंजाम देने के तरीके के साथ-साथ परिस्थितिजन्य और फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र करना शिकायतकर्ता की क्षमता से परे है।

न्यायाधीश ने कहा, “ इस अदालत की राय है कि सबूत इकट्ठा करना जांच एजेंसी का काम है और इसके निष्कर्ष का निर्धारण सुनवाई में होगा। वकील का कहना है कि शिकायतकर्ता अपने पास उपलब्ध फोटो और वीडियो को जांच अधिकारी (आईओ) के साथ फिर से साझा करने को तैयार है।”

उन्होंने कहा, “ मौजूदा मामले में, शिकायतकर्ता को आरोपी की पहचान का पता है, अपराध करने के तरीके के साथ-साथ परिस्थितिजन्य और फोरेंसिक साक्ष्य एकत्र करना शिकायतकर्ता की क्षमता से परे है और इसके लिए जरूरी है कि पुलिस विस्तृत जांच करे। आईओ को प्राथमिकी दर्ज कर अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है।”

अदालत ने शहर के एक पत्रकार पीके सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त टिप्पणियां की हैं। सिंह ने अगस्त 2021 में अपनी कार का ‘लॉक’ और शीशे तोड़ने के आरोप में डॉक्टर डीजे चक्रवर्ती के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की गुजारिश की थी। उनका आरोप है कि डॉक्टर ने कार और उसमें रखे सामान को चुराने की नीयत से ‘लॉक’ और शीशे तोड़े थे।

सिंह ने आरोप लगाया कि शिकायतकर्ता ने जब आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया तो चक्रवर्ती ने उन्हें कथित रूप से गालियां दीं और धमकाया।

भाषा

नोमान नरेश

नरेश

 

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