युद्ध में लक्ष्य प्राप्त करना और इसे समाप्त करना बहुत महत्वपूर्ण: वायुसेना प्रमुख

युद्ध में लक्ष्य प्राप्त करना और इसे समाप्त करना बहुत महत्वपूर्ण: वायुसेना प्रमुख

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  • Publish Date - August 9, 2025 / 10:43 PM IST,
    Updated On - August 9, 2025 / 10:43 PM IST

बेंगलुरु, नौ अगस्त (भाषा) वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने शनिवार को कहा कि किसी युद्ध की समाप्ति बहुत महत्वपूर्ण होती है और युद्ध का अहम सिद्धांत लक्ष्य होता है जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में हासिल किया गया।

उन्होंने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उद्देश्य पूरा हो गया और आतंकवादियों को सबक सिखाया गया।

यहां एयर चीफ मार्शल एल एम कात्रे स्मृति व्याख्यान के 16वें संस्करण को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि उन्होंने दो सप्ताह पहले ब्रिटेन में एक सम्मेलन में भाग लिया था।

प्रतिभागियों ने रूस, यूरोपीय युद्ध, इजराइल और ईरान युद्ध, या हमास-इजराइल युद्ध पर चर्चा की। हालांकि, पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर हमला करने के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा गया।

वायुसेना प्रमुख ने कहा, ‘उन्होंने इस बारे में बहुत बात की कि युद्ध कैसे शुरू किया जाए, युद्ध से कैसे बचा जाए, लेकिन इस बारे में एक बार भी बात नहीं हुई कि युद्ध को कैसे समाप्त किया जाए।’

इसके अलावा, उन्होंने कहा, ‘इसलिए मुझे लगता है कि इस पहलू को भुला दिया जा रहा है। संघर्ष समाप्ति किसी भी संघर्ष का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है। हम लगातार युद्ध में बने रहने का जोखिम नहीं उठा सकते।’

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि जब कोई युद्ध कोई भी शुरू करे, उसे समाप्त होना चाहिए ताकि लोग अपनी दिनचर्या में वापस लौट सकें और राष्ट्र की प्रगति पर ध्यान केंद्रित कर सकें।

उन्होंने कहा, ‘जब मैं युवा था, तो मुझे सबसे पहला सबक जो सिखाया गया वह था — युद्ध के सिद्धांतों में से एक: लक्ष्य का चयन करना और उसे बनाए रखना।’

सिंह ने कहा, “हमारा उद्देश्य बिल्कुल स्पष्ट था। हमारा उद्देश्य आतंकवादियों को ऐसा सबक सिखाना था कि वे कुछ भी करने से पहले दो बार सोचेंगे; अब उन्हें पता है कि उन्हें इसकी कितनी कीमत चुकानी पड़ सकती है। और एक बार जब हम ये उद्देश्य हासिल कर लें, तो हमें इसे जारी रखने के बजाय, इसे रोकने के सभी अवसर तलाशने चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘उस रात हमारा मनोबल बेहद ऊंचा था। मैंने कई लोगों से सुना…मेरे कुछ करीबी लोगों ने भी कहा ‘और मारना था’।’

भाषा नोमान देवेंद्र

देवेंद्र