किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अपने वाद्ययंत्र इकतारा के साथ सिंघू बॉर्डर लौटे जागर सिंह

किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अपने वाद्ययंत्र इकतारा के साथ सिंघू बॉर्डर लौटे जागर सिंह

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  • Publish Date - November 21, 2021 / 08:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:59 PM IST

नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) दिल्ली की सीमा सिंघू बॉर्डर पर तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को इकतारा (एक प्रकार का वाद्ययंत्र) बजाकर प्रोत्साहित करने वाले जागर सिंह (75) एक बार फिर वहां लौट आए हैं और अपने विजयी गीतों के जरिए किसानों को संघर्ष एवं धरना जारी रखने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

राजधानी की सीमाओं सहित देश के विभिन्न हिस्सों में पिछले एक साल से जारी किसानों के विरोध- प्रदर्शन के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी।

किसानों के प्रदर्शन का गढ़ माने जाने वाले सिंघु बॉर्डर पर जागर सिंह चौथी बार आए हैं और कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रधानमंत्री की घोषणा से बेहद खुश नजर आ रहे हैं।

पंजाब के पटियाला जिले के रहने वाले जागर सिंह ने कहा, ‘‘हमने आधी लड़ाई जीत ली है, लेकिन पूरी जीत के साथ घर लौटने में अभी कुछ समय है। हम चाहते हैं कि सरकार किसानों की उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी पर एक कानून लाए।’’

उन्होंने कहा कि वह अपनी पहले की तीन यात्राओं में एक-एक सप्ताह के लिए सिंघू बॉर्डर पर रुके थे। तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की केन्द्र की घोषणा के एक दिन बाद, जागर सिंह शनिवार को जीत के गीत गाने और प्रदर्शनकारियों को अपना संघर्ष जारी रखने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे।

जागर सिंह ने कहा, ‘‘इकतारा बजाना मेरा शौक है और पिछले कुछ सालों से, मैंने धीरे-धीरे गाना भी शुरू कर दिया है। किसानों का विरोध- प्रदर्शन शुरू होने के बाद से यह चौथी बार है जब मैं सिंघू बॉर्डर पर आया हूं। मेरे ऊपर कुछ पारिवारिक जिम्मेदारियां हैं, जिस कारण मैं लंबे समय तक नहीं रुक सकता।’’

भाषा रवि कांत नीरज

नीरज