कोलकाता, 18 जून (भाषा) भारतीय जनता पार्टी के चार सदस्यीय केंद्रीय दल को लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित हिंसा के बाद स्थिति का आकलन करने के लिए पश्चिम बंगाल के दौरे के दौरान अपनी ही पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा।
भाजपा कार्यकर्ताओं का दावा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उस समय सहानुभूति नहीं दिखाई, जब उन्हें अपने घरों से विस्थापित कर कहीं और आश्रय दिया गया था।
पार्टी के सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय दल के काफिले को दक्षिण 24 परगना के अमतला में असंतुष्ट पार्टी कार्यकर्ताओं ने रोका और दौरे पर आए नेताओं के सामने अपनी शिकायतें रखीं।
लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ कथित हिंसा की खबरों के पश्चात स्थिति का आकलन करने के लिए सोमवार को केंद्रीय दल ने कूचबिहार का दौरा किया।
इस दल में संयोजक बिप्लब देब, वरिष्ठ भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद और राज्यसभा सांसद बृजलाल और कविता पाटीदार शामिल हैं। दल का उद्देश्य पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद की कथित हिंसा के कारण अपने घरों से कथित रूप से विस्थापित पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलना है।
देब ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव के नतीजों के बाद तृणमूल कांग्रेस के लिए चुनाव के बाद हिंसा एक आदत बन गई है। देब ने कहा, ‘‘जितनी जल्दी टीएमसी विपक्षी दलों पर हमला करने का अपना रुख बदलेगी, पार्टी के लिए उतना ही बेहतर होगा।’’
तृणमूल कांग्रेस के नेता शांतनु सेन ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा अपने ही नेताओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पार्टी के भीतर असंतोष को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा द्वारा टीएमसी के खिलाफ चुनाव के बाद हिंसा की शिकायतें दिखावे के अलावा और कुछ नहीं हैं।
भाषा
मनीषा रंजन
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