जम्मू-कश्मीर: आयु सीमा में छूट विवाद, उड़ानें रद्द होने के बीच 61 फीसदी अभ्यर्थी सीसीई में शामिल
जम्मू-कश्मीर: आयु सीमा में छूट विवाद, उड़ानें रद्द होने के बीच 61 फीसदी अभ्यर्थी सीसीई में शामिल
जम्मू/श्रीनगर, सात दिसंबर (भाषा) जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग (जेकेपीएससी) ने रविवार को संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) आयोजित की, जिसमें लगभग 61 अभ्यर्थी शामिल हुए।
यह परीक्षा बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होने और आयु सीमा को लेकर जारी विवाद के मद्देनजर इसे स्थगित करने की मांग के बीच आयोजित की गई।
परीक्षा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दो सत्रों में आयोजित की गई। पहला सत्र सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दूसरा सत्र दोपहर दो बजे से शाम चार बजे तक आयोजित किया गया।
परीक्षा के आयोजन के बाद अधिकतम आयु सीमा में छूट की मांग को लेकर लोक भवन और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की सरकार के बीच तनाव के मद्देनजर अंतिम समय तक बनी अनिश्चितता समाप्त हो गई।
निर्वाचित सरकार, कुछ राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों ने परीक्षा स्थगित करने की मांग की थी।
जेकेपीएससी के अतिरिक्त सचिव और परीक्षा नियंत्रक सचिन जामवाल ने बताया कि सीसीई राज्य भर के 53 केंद्रों पर सफलतापूर्वक आयोजित की गई। कुल 22,573 पंजीकृत अभ्यर्थियों में से 13,732 ने परीक्षा में भाग लिया, जो 60.83 प्रतिशत उपस्थिति है।
जामवाल के मुताबिक, परीक्षा कड़े दिशा-निर्देशों के तहत आयोजित की गई।
उपस्थिति कम रहने के कारणों से जुड़े सवाल पर उन्होंने बताया कि इस स्तर की उपस्थिति सामान्य है और पहले आयोजित की गई परीक्षा में भी उपस्थिति लगातार 60 से 61 प्रतिशत के आसपास रही है।
मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने स्थिति को असाधारण बताते हुए शनिवार को जम्मू-कश्मीर लोक सेवा आयोग (जेकेपीएससी) के अध्यक्ष को पत्र लिखा था।
उन्होंने कहा था कि उड़ान सेवाओं में जारी व्यवधान के कारण मुश्किलें पैदा हुई हैं और अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा में छूट को मंजूरी देने में लोक भवन की ‘देरी’ से उत्पन्न ‘मौजूदा अनिश्चितता’ के कारण स्थितियां और जटिल हो गई हैं।
हालांकि, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस दावे का खंडन किया कि लोकभवन के कारण देरी हुई है।
सिन्हा ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस पत्र का जवाब देते हुए कहा कि उन्होंने उसी दिन दो दिसंबर को फाइल लौटा दी थी, जिसमें पूछा गया था कि यदि अधिकतम आयु सीमा में छूट दी जाती है, तो निर्धारित तिथि पर परीक्षा आयोजित करने की संभावना क्या है, लेकिन इस संबंध में सरकार की ओर से कोई अनुवर्ती कार्रवाई नहीं हुई।
पोस्ट में कहा गया है कि जेकेपीएससी ने 22 अगस्त को परीक्षा के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया था और परीक्षा सात दिसंबर को होनी थी।
आयोग ने सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 32 वर्ष, आरक्षित या सेवारत अभ्यर्थियों के लिए 34 वर्ष तथा दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए 35 वर्ष निर्धारित की थी।
हालांकि, सरकार ने छूट देकर अधिकतम आयु सीमा सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए 35 वर्ष, आरक्षित या सेवारत अभ्यर्थियों के लिए 37 वर्ष और दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए 38 वर्ष करने की मांगी थी।
जम्मू में अपने निर्धारित केंद्र के बाहर प्रतीक्षा कर रही छात्रा अभिनंदनी गुप्ता ने कहा, ‘‘यह परीक्षा हममें से बहुतों के लिए एक सपना है। हमें उम्मीद थी कि इसमें उम्र सीमा में छूट जरूर मिलेगी।’’
एक अन्य अभ्यर्थी साहिल माथुर ने कहा कि कई छात्र परीक्षा स्थगित होने की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन जेकीपीएससी की ओर से आधी रात को जारी अधिसूचना ने अनिश्चितता को समाप्त कर दिया, जिसमें कहा गया है कि परीक्षा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार होगी।
माथुर ने उन अभ्यर्थियों के लिए सहानुभूति जताई, जो परीक्षा में शामिल नहीं हो सके।
उसने कहा, “मुख्यमंत्री ने आयु सीमा में ढील की मांग की थी। फिर क्या हुआ, हमें पता नहीं। छात्र आखिरी दिन तक विरोध कर रहे थे। इस अनिश्चितता ने कठिनाइयां पैदा कीं।”
कई अभ्यर्थियों ने कहा कि उन्हें आखिरी समय तक यह पता नहीं था कि परीक्षा होगी या नहीं, क्योंकि उपराज्यपाल कार्यालय और निर्वाचित सरकार के बीच खींचतान जारी थी।
भाषा राखी पारुल
पारुल

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