जम्मू-कश्मीर सरकार ने शहरी निकायों को आवारा कुत्तों से संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा का निर्देश दिया

जम्मू-कश्मीर सरकार ने शहरी निकायों को आवारा कुत्तों से संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा का निर्देश दिया

जम्मू-कश्मीर सरकार ने शहरी निकायों को आवारा कुत्तों से संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा का निर्देश दिया
Modified Date: December 11, 2025 / 05:42 pm IST
Published Date: December 11, 2025 5:42 pm IST

जम्मू, 11 दिसंबर (भाषा) जम्मू कश्मीर आवासन एवं शहरी विकास विभाग ने बृहस्पतिवार को सभी शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को निर्देश है दिया कि वे दो सप्ताह के भीतर स्कूलों, अस्पतालों, स्टेडियमों और परिवहन केंद्रों को चिह्नित कर उन्हें आवारा कुत्तों के प्रवेश से सुरक्षित करें।

विभाग ने इन स्थानों पर हर तीन महीने में अनिवार्य रूप से निरीक्षण करने को कहा है तथा मानवीय आधारित एबीसी (पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम) पद्धति के तहत आवारा कुत्तों को हटाने का भी आदेश दिया है।

इसी के साथ निर्देशानुसार शहरी स्थानीय निकायों से 30 दिनों की अनुपालन रिपोर्ट भी मांगी गई है।

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विभाग की आयुक्त-सचिव, मनदीप कौर ने केंद्र शासित प्रदेश के सभी शहरी स्थानीय निकायों को एक परिपत्र जारी किया है। इसमें संस्थागत क्षेत्रों में आवारा कुत्तों के प्रभावी प्रबंधन के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अनिवार्य किए गए उपायों को तत्काल प्रभाव से लागू करने का निर्देश दिया गया है।

विभाग द्वारा जारी परिपत्र में स्कूलों, कॉलेजों, अस्पतालों और कई स्टेडियम, बस स्टैंड, आईएसबीटी और रेलवे स्टेशन सहित सभी सरकारी और निजी संस्थानों की पहचान करने के लिए दो सप्ताह का अभ्यास अनिवार्य किया गया है। शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को सभी उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों, विशेष रूप से बच्चों द्वारा अक्सर उपयोग किए जाने वाले क्षेत्रों को वर्गीकृत करने के लिए कहा गया है।

इसमें कहा गया है, ‘इस परिपत्र के जारी होने की तिथि से सभी शहरी स्थानीय निकाय संबंधित जिला मजिस्ट्रेट के समन्वय से दो सप्ताह के भीतर अपनी क्षेत्रीय सीमाओं के अंतर्गत आने वाले सभी सरकारी और निजी संस्थानों की पहचान करेंगे।’

परिपत्र में कहा गया, ‘सभी संस्थानों को परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चारदीवारी का निर्माण या मरम्मत करने और फाटक लगाने तथा कुत्तों के प्रवेश को रोकने के लिए अन्य संरचनात्मक कदम उठाने होंगे।

विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे 15 दिसंबर तक अनुमानित बजट पेश करें और जिला मजिस्ट्रेट हर पखवाड़े इसकी प्रगति की समीक्षा करेंगे।’

इसमें कहा गया, ‘जानवरों को हटाने की प्रक्रिया अत्यंत मानवता के साथ और एबीसी नियमों तथा अन्य प्रासंगिक पशु कल्याण कानूनों के कठोर पालन में ही की जानी चाहिए। इस प्रक्रिया में क्रूर तरीके, जहर का उपयोग या किसी भी प्रकार का अमानवीय व्यवहार की सख्त मनाही है और ऐसा व्यवहार करने पर कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।’

इसी के साथ यूएलबी को पकड़े और छोड़े गए हरेक कुत्ते का डिजिटल रूप से विवरण दर्ज का भी निर्देश दिया गया है।

भाषा प्रचेता रंजन

रंजन


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