जम्मू-कश्मीर मतदाता मामला: सज्जाद लोन नीत पीपुल्स कॉन्फ्रेंस नहीं होगी सर्वदलीय बैठक में शामिल

जम्मू-कश्मीर मतदाता मामला: सज्जाद लोन नीत पीपुल्स कॉन्फ्रेंस नहीं होगी सर्वदलीय बैठक में शामिल

जम्मू-कश्मीर मतदाता मामला: सज्जाद लोन नीत पीपुल्स कॉन्फ्रेंस नहीं होगी सर्वदलीय बैठक में शामिल
Modified Date: November 29, 2022 / 08:35 pm IST
Published Date: August 22, 2022 12:09 pm IST

श्रीनगर, 22 अगस्त (भाषा) सज्जाद लोन नीत पीपुल्स कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर की संशोधित मतदाता सूची में ‘‘गैर स्थानीय मतदाताओं’’ को शामिल करने के मुद्दे पर नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा सोमवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है।

केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी हिरदेश कुमार द्वारा संशोधित मतदाता सूची में जम्मू-कश्मीर में रहने वाले ‘‘गैर-स्थानीय मतदाताओं को शामिल करने’’ की बात कहे जाने के बाद नेकां अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है।

लोन ने पत्रकारों से कहा, ‘‘ अगर यह (सर्वदलीय बैठक बुलाने का) कदम गंभीरता से लिया गया होता, तो मीडिया के सामने ऐसे नहीं उठाया जाता। अगर इसमें गंभीरता होती तो हम मिल भी लेते और आपको (मीडिया को) पता भी नहीं चलता। मैं फारूक अब्दुल्ला का बहुत सम्मान करता हूं, लेकिन उनकी इस राजनीति से सहमत नहीं हूं।’’

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उन्होंने कहा कि बैठक केवल चर्चा में बने रहने की कवायद लग रही है और वह इसका हिस्सा नहीं बनना चाहेंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘ एक महिला (महबूबा मुफ्ती) ने कहा कि सर्वदलीय बैठक बुलाएं और दूसरे ने इसके लिए फोन किए। मुझे यह भी बताएं कि हम कितना दिखावा कर सकते हैं? हम चौबीसों घंटे एक-दूसरे की राजनीतिक रूप से आलोचना करते रहते हैं। मैंने कल ही उनकी आलोचना की और उससे एक दिन पहले उन्होंने मेरी आलोचना की थी। हम सब कुछ सही होने का दिखावा कब तक कर सकते हैं ?’’

लोन ने कहा, ‘‘ महबूबा जी अपनी खोई जगह वापस पाने को बेताब हैं, सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए फरमान जारी करती हैं..महाराजा हरि सिंह का युग बीते काफी समय हो गया है।’’

प्रशासन द्वारा इस मुद्दे पर दिए गए स्पष्टीकरण पर उन्होंने कहा, ‘‘ हम ना इसे पूरी तरह खारिज करते हैं और ना इससे पूरी तरह सहमत हैं।’’

प्रशासन ने शनिवार को एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा था कि मतदाता सूची में संक्षिप्त संशोधन के बाद 25 लाख से अधिक मतदाताओं के शामिल होने की खबरों में ‘‘निहित स्वार्थों के चलते तथ्यों को तोड़-मरोड़कर’’ पेश किया गया है।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा


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