कर्नाटक को केंद्र से संसाधनों के वितरण में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा: सिद्धरमैया

कर्नाटक को केंद्र से संसाधनों के वितरण में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा: सिद्धरमैया

कर्नाटक को केंद्र से संसाधनों के वितरण में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा: सिद्धरमैया
Modified Date: August 15, 2025 / 10:34 pm IST
Published Date: August 15, 2025 10:34 pm IST

बेंगलुरु, 15 अगस्त (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि उनके राज्य को केंद्र से संसाधनों के वितरण में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है।

सिद्धरमैया ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने अपना खुद का विकास मॉडल बनाया है, जिसे व्यापक रूप से “कर्नाटक विकास मॉडल” के रूप में जाना जाता है और इसकी “गारंटी योजनाओं” को वैश्विक स्तर पर मान्यता मिली है।

बेंगलुरु में 79वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में अपने संबोधन में सिद्धरमैया ने दावा किया, “कर्नाटक को केंद्र से संसाधनों के वितरण में भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। इस बात को लेकर चिंता बढ़ रही है कि आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और अन्य संवैधानिक निकाय संविधान में निहित लोकतंत्र और सहकारी संघवाद के सच्चे मूल्यों को बनाए रखने के लिए काम नहीं कर रहे हैं।”

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उन्होंने कहा, “हर जिम्मेदार नागरिक को इस संबंध में अपनी आवाज उठानी चाहिए।”

उन्होंने कहा, ‘‘12वीं शताब्दी के बसवादी शरण का दृढ़ विश्वास था कि व्यक्ति को अपने वचन पर चलना चाहिए। इसी सिद्धांत से प्रेरित होकर, हमारी सरकार ने अपना विकास मॉडल तैयार किया है, जिसे अब कर्नाटक विकास मॉडल के रूप में व्यापक रूप से मान्यता प्राप्त है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह गर्व की बात है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने भी कर्नाटक का दौरा किया और हमारी गारंटी योजनाओं की खुले दिल से प्रशंसा की, जिससे उन्हें वैश्विक मान्यता मिली।’’

भाषा पारुल दिलीप

दिलीप


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