कश्मीर: चीन का एक नागरिक निर्वासित, वीजा नियमों के उल्लंघन के लिए काली सूची में डाला गया

कश्मीर: चीन का एक नागरिक निर्वासित, वीजा नियमों के उल्लंघन के लिए काली सूची में डाला गया

कश्मीर: चीन का एक नागरिक निर्वासित, वीजा नियमों के उल्लंघन के लिए काली सूची में डाला गया
Modified Date: December 11, 2025 / 01:07 pm IST
Published Date: December 11, 2025 1:07 pm IST

श्रीनगर, 11 दिसंबर (भाषा) लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में वीजा निमयों का उल्लंघन कर दाखिल हुए चीन के नागरिक हू कोंगताई को हांगकांग निर्वासित कर दिया गया। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि 29 वर्षीय हू को निर्वासित करने और काली सूची में डालने का निर्णय उसके मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच पूरी होने के बाद लिया गया क्योंकि वह लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में रणनीतिक महत्व के स्थानों पर गया था।

अधिकारियों ने बताया, “पिछले सप्ताह यहां हिरासत में लिए गए चीन के नागरिक को 10 दिसंबर की शाम को हांगकांग निर्वासित करने के लिए दिल्ली भेज दिया गया है।”

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कोंगताई (29) 19 नवंबर को पर्यटक वीजा पर दिल्ली पहुंचा था।

पर्यटक वीजा के तहत उसे वाराणसी, आगरा, नई दिल्ली, जयपुर, सारनाथ, गया और कुशीनगर में बौद्ध धार्मिक स्थलों की यात्रा करने की अनुमति दी गयी थी।

अधिकारियों ने बताया कि 20 नवंबर को विमान से लेह हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद उसने विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय के काउंटर पर पंजीकरण नहीं कराया।

सेना की एक इकाई ने इंटरनेट पर असामान्य बातचीत देखी, जिसके बाद कोंगताई को हिरासत में लिया गया।

अधिकारियों ने पाया कि कोंगताई की ब्राउजिंग हिस्ट्री से कश्मीर घाटी में अर्धसैनिक बलों की तैनाती में उसकी रुचि का पता चला, जिससे उसे पिछले महीने के अंत में लद्दाख के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जांस्कर क्षेत्र की यात्रा करने की प्रेरणा मिली।

उन्होंने बताया कि लद्दाख में रहने के दौरान कोंगताई ने तीन दिनों तक जांस्कर क्षेत्र का दौरा किया और केंद्र शासित प्रदेश में रणनीतिक महत्व के स्थानों पर गया, जिसके बाद वह एक दिसंबर को श्रीनगर पहुंचा।

अधिकारी के मुताबिक, विस्तृत पूछताछ के दौरान चीन के नागरिक ने बताया कि वह नौ साल से अमेरिका में रह रहा था, इस दौरान उसने बोस्टन विश्वविद्यालय में भौतिकी का अध्ययन किया और उसे दुनिया भर में घूमना पसंद है।

कोंगताई ने वीजा नियमों के उल्लंघन के बारे में अनभिज्ञता जताते हुए दावा किया कि उसे इस बात की जानकारी नहीं थी कि लद्दाख और जम्मू-कश्मीर की यात्रा प्रतिबंधित है तथा उसे अपने वीजा में उल्लिखित स्थानों तक ही सीमित रहना होगा। कोंगताई, स्थानीय लोगों से अपनी समानता का फायदा उठाते हुए 20 नवंबर को लेह हवाई अड्डे पर स्थित विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय के काउंटर पर पंजीकरण कराए बिना लेह जाने वाली उड़ान में सवार हो गया।

अधिकारियों के मुताबिक, चीन के नागरिक ने बाजार से एक भारतीय सिम कार्ड खरीदा था।

श्रीनगर में एक गैर-पंजीकृत गेस्ट हाउस में ठहरने के दौरान वह हरवान स्थित एक बौद्ध धार्मिक स्थल पर गया, जहां पिछले साल एक मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा का एक आतंकवादी मारा गया था।

अधिकारियों ने कोंगताई के फोन से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि वह दक्षिण कश्मीर स्थित अवंतीपुर के खंडहरों में भी गया, जो दक्षिण कश्मीर में सेना के विक्टर फोर्स मुख्यालय के पास स्थित है।

वह श्रीनगर के विभिन्न इलाकों पर भी गया, जिनमें शंकराचार्य पहाड़ियां, हजरतबल और डल झील के किनारे स्थित मुगल गार्डन शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया कि कोंगताई की फोन ब्राउजिंग हिस्ट्री में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की तैनाती और संविधान के अनुच्छेद 370 से संबंधित खोजें दर्ज की गई थीं।

अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को अगस्त 2019 में निरस्त कर दिया गया था।

कोंगताई के पासपोर्ट से पता चला कि उसने अमेरिका, न्यूजीलैंड, ब्राजील, फिजी और हांगकांग सहित कई देशों की यात्रा की है।

भाषा जितेंद्र मनीषा

मनीषा


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