दो हजार किलोमीटर रेल मार्ग पर कवच का काम पूरा हुआ, हादसों में कमी आई: वैष्णव
दो हजार किलोमीटर रेल मार्ग पर कवच का काम पूरा हुआ, हादसों में कमी आई: वैष्णव
नयी दिल्ली, 17 दिसंबर (भाषा) रेल दुर्घटनाओं और कवच सुरक्षा प्रणाली को लेकर द्रमुक के एक सांसद के दावों को खारिज करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि आज दो हजार किलोमीटर से अधिक रेल मार्ग पर कवच सुरक्षा प्रणाली लगाने का काम पूरा हो चुका है और देश में यह काम तेजी से चल रहा है।
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान द्रमुक सदस्य कलानिधि वीरस्वामी ने एक अखबार की खबर के हवाले से आरोप लगाया कि कवच सुरक्षा प्रणाली पर काम शुरू हो गया है, लेकिन अभी तक एक भी किलोमीटर मार्ग पर यह पूरा नहीं हुआ है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि लगभग ढाई साल पहले ओडिशा के बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना में सरकार की ओर से ट्रेन के लोको पायलट पर आक्षेप लगाया गया और उनके परिवार को लंबे समय तक परेशानी झेलनी पड़ी, जबकि बाद में रिपोर्ट आई कि यह हादसा प्रणाली की विफलता की वजह से हुआ था।
वीरास्वामी के दावों को सिरे से खारिज करते हुए रेल मंत्री ने कहा कि द्रमुक सांसद ने सदन में पूरी तरह गलत बयान दिया है और उन्हें बालासोर दुर्घटना के बारे में अपने बयान को यहां प्रमाणित करना चाहिए और ‘‘गलत आक्षेप नहीं लगाने चाहिए’’।
उन्होंने कहा, ‘‘दुर्घटना की जांच पूरी तरह की गई, सभी कार्रवाई की गईं। एक बार भी लोको पायलट को इस मामले में जवाबदेह नहीं ठहराया गया। सदस्य (वीरास्वामी) को अपने बयान को वापस लेना चाहिए। यह पूरी तरह गलत बयान है, जिसे सदन स्वीकार नहीं कर सकता।’’
रेल मंत्री ने कहा कि बालासोर हादसा बहुत दुखद था जिसकी जांच पहले तकनीकी दल ने, फिर रेलवे सुरक्षा आयोग (सीआरएस) ने और बाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने की थी।
उन्होंने कहा, ‘‘सभी तीनों रिपोर्ट जमा कर दी गई हैं। जांच के आधार पर संबंधित लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किये गये। मैं आरोपियों के नाम नहीं लूंगा, नहीं तो (विपक्षी) सदस्य कहेंगे कि इसमें सामुदायिक एंगल निकाला जा रहा है।’’
परिणामी (कांसिक्वेंशियल) रेल दुर्घटनाओं के बारे में जानकारी देते हुए वैष्णव ने कहा कि 2014-15 में जहां ऐसे रेल हादसों की संख्या 135 थी और इसमें 90 प्रतिशत कमी के साथ संख्या इस साल 11 रह गई।
रेल मंत्री ने कवच प्रणाली के संदर्भ में द्रमुक सदस्य के बयानों को गलत ठहराते हुए कहा, ‘‘सदस्य ने इस संबंध में इस सदन में दिए गए उत्तरों और बयानों को सही से नहीं पढ़ा है।’’
उन्होंने कहा कि कवच जटिल प्रणाली है जिसमे ऑप्टिकल फाइबर तार (ओएफसी) पूरी लाइन पर बिछाने, हर स्टेशन पर एक छोटा डेटा केंद्र बनाने, पटरियों पर उपकरण बनाने और सारे लोकोमोटिव में उपकरण लगाने सहित पांच प्रणालियां होती हैं।
वैष्णव ने बताया, ‘‘हमने अब तक 7,129 किलोमीटर ओएफसी लाइन पूरी कर ली है, 860 दूरसंचार टॉवर लगाए जा चुके हैं, 767 स्टेशन पर डेटा सेंटर बन चुके हैं और 3,413 पटरियों पर उपकरण लग चुके हैं। 4,154 लोकोमोटिव में इसके उपकरण लग चुके हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आज दो हजार किलोमीटर से अधिक रेल लाइन पर कवच प्रणाली लगाने का काम पूरा हो चुका है। प्रगति तेज है और कवच का काम रफ्तार से चल रहा है।’’
उन्होंने कहा कि इसके अलावा 40,000 टेक्नीशियन और ऑपरेटर को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
वैष्णव ने विपक्षी दलों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि स्वचालित रेल सुरक्षा प्रणाली के संबंध में बाकी देशों ने 1970 और 80 के दशक में ही काम कर लिया था, लेकिन भारत में तब की सरकारों ने क्या किया?
उन्होंने कहा, ‘‘हमने 2014 में सरकार बनने के बाद तुरंत इस पर काम चालू किया। 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके विकास की शुरुआत की। 2019 तक कवच का पहला संस्करण विकसित हुआ। अंतिम और चौथा संस्करण 2024 तक विकसित हुआ। इस काम की पूरी दुनिया प्रशंसा कर रही है।’’
भाषा
वैभव मनीषा
मनीषा

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