कोच्चि, 16 अप्रैल (भाषा) केरल उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी से जुड़े गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) के मामले में बुधवार को दो महीने तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। यह मामला यहां एक सत्र अदालत में लंबित है।
न्यायमूर्ति टी आर रवि ने कोचीन मिनरल्स एंड रूटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) द्वारा दायर याचिका पर यह अंतरिम निर्देश जारी किया, जिसमें उसके खिलाफ एसएफआईओ शिकायत पर संज्ञान लेने के सत्र अदालत के फैसले को चुनौती दी गई थी।
इस मामले में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजीआई) एआरएल सुंदरेसन ने उच्च न्यायालय के आदेश की पुष्टि की और कहा कि सत्र अदालत द्वारा विजयन की पुत्री वीना टी सहित विभिन्न पक्षों को कोई नोटिस या समन जारी नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि कंपनी ने सत्र अदालत द्वारा लिए गए संज्ञान पर रोक लगाने का अनुरोध किया थ लेकिन उच्च न्यायालय ने इसे मंजूरी नहीं दी।
एसएफआईओ ने इस महीने की शुरुआत में सीएमआरएल और वीना तथा उनकी अब बंद हो चुकी आईटी कंपनी एक्सालॉजिक सहित अन्य के खिलाफ कथित ‘अवैध भुगतान’ घोटाले के सिलसिले में आरोपपत्र दाखिल किया था।
एसएफआईओ की कथित कार्रवाई केरल उच्च न्यायालय द्वारा कांग्रेस विधायक मैथ्यू कुझालनदन की उस याचिका को खारिज करने के करीब एक सप्ताह बाद हुई जिसमें निजी खनन कंपनी सीएमआरएल और एक्सालॉजिक के बीच कथित वित्तीय लेन-देन को लेकर विजयन के खिलाफ सतर्कता जांच की मांग की गई थी।
खबरों के अनुसार, एसएफआईओ जांच में खनन कंपनी के भीतर 182 करोड़ रुपये की ‘धोखाधड़ी’ का पता चला है, जिसमें कई अन्य लोग भी आरोपी हैं।
इसमें कहा गया है कि अवास्तविक खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करके और फर्जी बिल के जरिए धोखाधड़ी की गई। एसएफआईओ जांच में कथित तौर पर पाया गया कि वीना ने बिना कोई सेवा दिए निजी खनन कंपनी से 2.7 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे। मुख्यमंत्री विजयन ने हाल ही में इस आरोप का खंडन किया था।
भाषा अविनाश संतोष
संतोष
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