केरल : मलप्पुरम में व्यक्ति को मार डालने वाले बाघ को पकड़ने के लिए टीम तैनात |

केरल : मलप्पुरम में व्यक्ति को मार डालने वाले बाघ को पकड़ने के लिए टीम तैनात

केरल : मलप्पुरम में व्यक्ति को मार डालने वाले बाघ को पकड़ने के लिए टीम तैनात

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Modified Date: May 16, 2025 / 04:03 PM IST
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Published Date: May 16, 2025 4:03 pm IST

मलप्पुरम (केरल), 16 मई (भाषा) केरल के मलप्पुरम में कालीकावु के पास रबर बागान में काम करने वाले एक श्रमिक को मार डालने वाले बाघ का पता लगाने और उसे पकड़ने के लिए शुक्रवार को वनकर्मियों की तीन टीम को बेहोशी के इंजेक्शन और कुमकी हाथी के साथ तैनात किया गया। यहां एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि इस अभियान में शामिल टीम को सहयोग के लिए ‘कैमरा ट्रैप’ और पिंजरे भी लगाए गए हैं, जबकि एक और कुमकी हाथी को इस अभियान में शामिल किया जाएगा।

नीलांबुर दक्षिण के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) धनिक लाल ने बताया कि खोज टीम के प्रत्येक समूह में 20 वनकर्मी और एक पशुचिकित्सक शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ‘‘हम पहले यह पुष्टि करेंगे कि इलाके में बाघ मौजूद है या नहीं। इसके बाद अगला कदम उठाया जाएगा। तलाशी अभियान सुबह सात बजे शुरू हुआ।’’

बाघ ने रबर बागान में काम करने के लिए जाते समय बृहस्पतिवार को गफूर (45) पर हमला कर दिया था और उसे जंगल में खींच कर ले गया था। गफूर के साथ उस समय उसका एक दोस्त भी मौजूद था।

उसके दोस्त और वन अधिकारियों के अनुसार, बाद में करीब 200 मीटर दूर जंगल में गफूर का बुरी तरह क्षत-विक्षत शव मिला था।

इस घटना के बाद इलाके में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था और प्रदर्शनकारियों ने शव उठाने से इनकार कर दिया था, बाद में अधिकारियों द्वारा पीड़ित परिवार को मुआवजा और नौकरी देने के साथ ही बाघ को पकड़ने का आश्वासन दिए जाने के बाद स्थानीय लोग राजी हो गये।

प्रदर्शनकारियों ने वन विभाग पर भी लापरवाही का आरोप लगाया और दावा किया कि पिछले कुछ महीनों से क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी के बारे में सूचित किए जाने के बावजूद विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की।

इलाके का दौरा करने के बाद कांग्रेस विधायक ए.पी. अनिलकुमार ने भी इसी तरह के आरोप लगाए।

इसके बाद वन अधिकारियों ने बताया कि परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने के साथ ही परिजन को 14 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा, जबकि बाघ को बेहोश करने और पकड़ने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

उसी दिन बाद में राज्य के वन मंत्री ए.के. शशिंद्रन ने कहा कि स्थानीय लोगों के दावों को देखते हुए वन अधिकारियों की ओर से चूक होने के आरोपों की जांच के लिए मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) को निर्देशित किया गया है।

भाषा यासिर सुरेश

सुरेश

 

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