व्हाट्सऐप ग्रुप का सदस्य होने भर से खालिद आपराधिक रूप से उत्तरदायी नहीं हो जाता: अदालत में कहा गया

व्हाट्सऐप ग्रुप का सदस्य होने भर से खालिद आपराधिक रूप से उत्तरदायी नहीं हो जाता: अदालत में कहा गया

व्हाट्सऐप ग्रुप का सदस्य होने भर से खालिद आपराधिक रूप से उत्तरदायी नहीं हो जाता: अदालत में कहा गया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:57 pm IST
Published Date: July 28, 2022 9:22 pm IST

नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) दिल्ली में फरवरी 2020 में हुए दंगे में कथित साजिश रचने के मामले में यूएपीए के तहत गिरफ्तार किए गए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र उमर खालिद ने बृहस्पतिवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में कहा कि जब तक किसी आरोपी ने कुछ भी आपत्तिजनक नहीं किया हो तो किसी व्हाट्सऐप ग्रुप का सदस्य होना भर उसे आपराधिक रूप से उत्तरदायी नहीं बनाता ।

खालिद के वकील ने न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल एवं न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर की पीठ के समक्ष प्रश्न किया, ‘‘ जब तक आपने कुछ अवैध नहीं किया हो तो क्या एक व्हाट्सऐप ग्रुप का सदस्य होना अवैध है?’’

खालिद ने निचली अदालत के 24 मार्च के उस फैसले को चुनौती देने संबंधी याचिका दाखिल की है,जिसमें उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया था और इसी याचिका पर उच्च न्यायालय में सुनवाई हो रही थी।

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खालिद के वकील ने कहा कि अभियोजन ने जिन पांच व्हाट्सऐप ग्रुप का जिक्र किया है,वह उनमें से केवल दो ग्रुप का सदस्य था और उनमें भी वह खामोश था और उसने केवल एक ग्रुप में चार संदेश पोस्ट किए थे।

खालिद ने अपनी दलील में कहा, ‘‘ यह तथ्य कि मैं दो व्हाट्सऐप ग्रुप का हिस्सा था, मुझे आपराधिक रूप से उत्तरदायी नहीं ठहरा सकते। मैं नहीं कह रहा कि उन ग्रुप में कुछ भी आपराधिक था….।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं ग्रुप का कोई एडमिन नहीं हूं, मैं ग्रुप का एक सदस्य भर हूं। एडमिन कोई और है। अगर किसी और ने कुछ कहा है तो उसे मेरे ऊपर नहीं डाला जा सकता।’’

खालिद के वकील की दलीलें पूरी होने के बाद अदालत ने सरकारी वकील की दलीलें सुनने के लिए मामला एक अगस्त के लिए सूचीबद्ध किया।

खालिद को 13 सितंबर 2020 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है।

गौरतलब है कि खालिद, शरजील इमाम, और कई अन्य लोगों के खिलाफ फरवरी 2020 में हुए दंगों का ‘‘मास्टरमाइंड’’ होने के आरोप में यूएपीए और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया था। इन दंगों में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे।

भाषा

शोभना नरेश

नरेश


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