नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) कोविड-19 महामारी के दौरान ऑक्सीजन सांद्रकों की कालाबाजारी करने के मामले आरोपी कारोबारी नवनीत कालरा ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि उसके ‘खान चाचा’ और ‘टाउन हॉल’ रेस्तरां के पंजीकरण प्रमाणपत्र पत्र को प्राधिकारों ने रद्द कर दिया है।
अदालत कालरा की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कालरा ने मामले में कथित संलिप्तता के बाद कारण बताओ नोटिस जारी करने और रेस्तरां चलाने के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र को निलंबित करने के आदेश को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि कारोबारी कानून के अनुसार पंजीकरण रद्द करने के आदेश का विरोध कर सकता है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि उसने कालरा की याचिका में किए गए दावों पर कोई राय व्यक्त नहीं की है।
कालरा ने संयुक्त पुलिस आयुक्त (लाइसेंसिंग) के 11 मई के आदेश एवं कारण बताओ नोटिस और दिल्ली के खान मार्केट में दो रेस्तरां को चलाने के लिए पंजीकरण प्रमाणपत्र के निलंबन को चुनौती दी थी। कालरा के वकील गुरिंदर पाल सिंह ने दलील दी कि पंजीकरण प्रमाण पत्र को प्राधिकारों ने 23 जुलाई के एक आदेश द्वारा रद्द कर दिया गया। कालरा ने तर्क दिया है कि निलंबन अवैध था और दिल्ली भोजनालय पंजीकरण विनियमों के प्रावधानों के विपरीत था क्योंकि यह कारण बताओ नोटिस जारी करने के स्तर पर निलंबन का अधिकार प्रदान नहीं करता है।
कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन सांद्रकों की कथित कालाबाजारी के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए कालरा ने कहा कि प्राथमिकी दर्ज करने के आधार पर पंजीकरण प्रमाणपत्र को निलंबित करने का कोई प्रावधान नहीं है। कालरा को कथित कालाबाजारी मामले में 29 मई को जमानत मिल गयी थी।
भाषा आशीष अनूप
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