केपीसीसी प्रमुख ने केरल के राज्यपाल के संघ परिवार समर्थक रुख का समर्थन किया : माकपा
केपीसीसी प्रमुख ने केरल के राज्यपाल के संघ परिवार समर्थक रुख का समर्थन किया : माकपा
तिरुवनंतपुरम, 20 दिसंबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बुधवार को केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के प्रमुख के. सुधाकरन पर राज्य में विश्वविद्यालय सीनेट में संघ परिवार से जुड़े लोगों की नियुक्ति के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खाने के फैसले का समर्थन करने का आरोप लगाया।
इस संबंध में एक दिन पहले दिए गए सुधाकरन के बयान की कड़ी निंदा करते हुए माकपा के राज्य सचिव एम. वी. गोविंदन ने आरोप लगाया कि यह केरल की धर्मनिरपेक्ष परंपरा को नष्ट करने की कांग्रेस नेता की साजिश है।
उन्होंने सभी लोकतांत्रिक ताकतों से इस कदम के खिलाफ रुख अख्तियार करने का अनुरोध किया।
हालांकि, कांग्रेस ने सुधाकरन का बचाव करते हुए कहा कि वह उन लोगों में से एक हैं जिन्हें ‘संघ परिवार सरकार’ ने लोकसभा से निलंबित कर दिया है और केरल में कोई भी कांग्रेस नेता राज्यपाल खान के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।
गोविंदन ने आरोप लगाया, “राज्यपाल ने केरल के विश्वविद्यालयों में संघ परिवार के सदस्यों को सीनेट में नामित करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। इसे लेकर छात्रों और आम जनता समेत अकादमिक समुदाय की ओर से कड़ा विरोध जताया गया है। लेकिन सुधाकरन ने अब भगवाकरण के तहत संघ परिवार से जुड़े लोगों को नामांकित करने की राज्यपाल की कार्रवाई के लिए अपना समर्थन घोषित किया है”
सुधाकरन का बचाव करते हुए नेता प्रतिपक्ष वी. डी. सतीसन ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) राज्यपाल द्वारा किए गए किसी भी गलत काम में शामिल नहीं होगा।
केरल में मंगलवार को राज्यपाल और विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति खान द्वारा विश्वविद्यालय सीनेट में संघ परिवार के सदस्यों की कथित नियुक्ति का समर्थन संबंधी सुधाकरन के बयान पर विवाद पैदा हो गया था।
सुधाकरन ने नयी दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि संघ परिवार एक लोकतांत्रिक पार्टी है, और इसलिए, योग्य व्यक्तियों के नामांकन का विरोध करने का कोई कारण नहीं है, भले ही वे ऐसे समूहों से जुड़े हों।
भाषा
जोहेब रंजन
रंजन

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