नयी दिल्ली, सात फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करके मीडिया को अडाणी समूह की कंपनियों से संबंधित बयानों या आरोपों को तब तक प्रकाशित या प्रसारित न करने के निर्देश देने की मांग की गयी है, जब तक कि वे (मीडियाकर्मी) रिपोर्ट ‘भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड’ (सेबी) के समक्ष रख नहीं देते और बाजार नियामक इसे सत्यापित नहीं कर देता।
वकील एमएल शर्मा ने एक जनहित याचिका गत तीन फरवरी को दायर की थी, जिसे सुनवाई के लिए अभी तक सूचीबद्ध नहीं किया गया है। इस बीच उन्होंने मीडिया पर रोक संबंधी अंतरिम अर्जी सोमवार को अपनी जनहित याचिका के हिस्से के तौर पर दायर की।
अंतरिम याचिका में कहा गया है, ‘मीडिया प्रचार के कारण भारतीय शेयर बाजार 50 प्रतिशत से अधिक तक गिर चुका है। मीडिया में जारी नियमित आरोप/बयान निवेशकों में घबराहट पैदा कर रहे हैं और वे धड़ाधड़ अपना शेयर बेच रहे हैं तथा वित्तीय नुकसान उठा रहे हैं। आम निवेशक बुरी तरह मारे जा रहे हैं, जिसे रोका जाना चाहिए।’
अपनी जनहित याचिका में, शर्मा ने निर्दोष निवेशकों का शोषण करने और अडाणी समूह के शेयरों की कीमतों में कृत्रिम गिरावट के लिए अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के लघु विक्रेता नाथन एंडरसन और भारत तथा अमेरिका में उनके सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग की है।
भाषा सुरेश पवनेश
पवनेश
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