कर्नाटक विधानमंडल सत्र के दौरान नेतृत्व विवाद, किसानों के मुद्दे छाए रहने की संभावना

कर्नाटक विधानमंडल सत्र के दौरान नेतृत्व विवाद, किसानों के मुद्दे छाए रहने की संभावना

कर्नाटक विधानमंडल सत्र के दौरान नेतृत्व विवाद, किसानों के मुद्दे छाए रहने की संभावना
Modified Date: December 7, 2025 / 09:08 pm IST
Published Date: December 7, 2025 9:08 pm IST

बेलगावी, सात दिसंबर (भाषा) कर्नाटक विधानमंडल का 10 दिवसीय शीतकालीन सत्र आठ दिसंबर से शुरू होगा, जिसमें कांग्रेस सरकार में नेतृत्व विवाद, किसानों की समस्याएं और बाढ़ राहत जैसे मुद्दे छाए रहने की संभावना है।

विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल सेक्युलर (जद एस) ने सत्तारूढ़ कांग्रेस को कई मुद्दों पर घेरने की रणनीति बनाई है।

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच कथित नेतृत्व विवाद के बाद भाजपा नेताओं ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की योजना की घोषणा की है।

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बीस नवंबर को राज्य सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद सिद्धरमैया और शिवकुमार के बीच ‘‘सत्ता संघर्ष’’ और तेज होने के दावे किए जा रहे हैं। हालांकि, हाल ही में दोनों नेताओं ने सुबह के नाश्ते पर मुलाकात के बाद कहा कि वे पूरी तरह से एकजुट हैं।

किसानों के विरोध-प्रदर्शन ने विपक्ष को सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया है।

लगभग एक महीने पहले, गन्ना किसानों ने अभूतपूर्व हड़ताल की थी और राज्य सरकार की 3,200 रुपये प्रति टन की पेशकश के बजाय 3,500 रुपये प्रति टन की मांग को लेकर सड़कें अवरुद्ध कर दी थीं।

सत्र में 21 विधेयक भी पेश किए जाएंगे, जिनमें भड़काऊ भाषण और घृणा अपराधों पर रोक लगाने के उपाय, गलत सूचना के खिलाफ कानून, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कल्याण (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।

भाषा शफीक पारुल

पारुल


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