सुनिश्चित करें लड़कियां महामारी के चलते स्कूल नहीं छोड़ें: शिक्षा मंत्री से एनजीओ का आग्रह | Make sure girls don't leave school due to epidemic: NGO urges Education Minister

सुनिश्चित करें लड़कियां महामारी के चलते स्कूल नहीं छोड़ें: शिक्षा मंत्री से एनजीओ का आग्रह

सुनिश्चित करें लड़कियां महामारी के चलते स्कूल नहीं छोड़ें: शिक्षा मंत्री से एनजीओ का आग्रह

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:59 PM IST, Published Date : July 12, 2021/3:34 pm IST

नयी दिल्ली, 12 जुलाई (भाषा) बाल अधिकारों के लिए काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘सेव द चिल्ड्रेन’ ने एक याचिका के जरिये केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से लड़कियों के लिए सीखने की सामग्री तक समान पहुंच के माध्यम से सीखने की निरंतरता सुनिश्चित करने का आग्रह किया गया है ताकि वे कोविड-19 के कारण स्कूल न छोड़ें।

बॉलीवुड अभिनेत्री दीया मिर्जा और संजना सांघी सहित 30,000 से अधिक लोगों द्वारा हस्ताक्षरित ऑनलाइन याचिका में महामारी के कारण स्कूलों को बंद करने के कारण सीखने के नुकसान को कम करने के लिए ‘‘100 दिनों की कार्रवाई’’ का आह्वान किया गया है।

याचिका में कहा गया है, ‘‘एक करोड़ लड़कियों के कभी स्कूल नहीं लौटने का खतरा है। कोविड-19 संकट के प्रभावों ने ‘सभी के लिए शिक्षा’ के वादे को खतरे में डाल दिया है, जिससे उनके भविष्य पर एक लंबी छाया पड़ रही है।’’

इसमें कहा गया है, ‘‘स्कूलों को बंद करना जहां कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए एक प्रभावी एहतियाती उपाय है, पिछली आपात स्थितियों के साक्ष्यों से पता चलता है कि बच्चे जितने लंबे समय तक सीखने की सुविधाओं में भाग लेने में असमर्थ होंगे, उतनी ही अधिक संभावना है कि वे कभी स्कूल नहीं लौटेंगे। बच्चों के स्कूल छोड़ने का जोखिम विशेष रूप से लड़कियों और सबसे अधिक हाशिए पर रहने वाले लोगों पर लागू होता है, जिनमें प्रवासी परिवारों के बच्चे भी शामिल हैं।’’

याचिका में की गई सिफारिशों में निम्न-प्रौद्योगिकी और गैर-प्रौद्योगिकी समाधानों का विकास, बच्चों, माता-पिता, देखभाल करने वालों और शैक्षिक कर्मियों के लिए कोविड-19 के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए मनोसामाजिक कल्याण समर्थन सुनिश्चित करना, शैक्षिक सुविधाओं को बंद करने के दौरान मध्याह्न भोजन का निर्बाध प्रावधान और उन बच्चों की शिक्षा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए समर्पित वित्तीय सहायता शामिल है, जिन्होंने कोविड-19 के कारण अपने माता-पिता या दोनों में से एक को खो दिया है।

भाषा अमित दिलीप

दिलीप

 

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