आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करने वालों को पक्षकार बनाएं: अदालत ने जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री से कहा

आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करने वालों को पक्षकार बनाएं: अदालत ने जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री से कहा

आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करने वालों को पक्षकार बनाएं: अदालत ने जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री से कहा
Modified Date: December 9, 2025 / 03:47 pm IST
Published Date: December 9, 2025 3:47 pm IST

नयी दिल्ली, नौ दिसंबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरेन्द्र कुमार चौधरी से कहा कि वह अपने मानहानि मुकदमे में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करने वालों को भी पक्षकार बनाएं।

जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्य चौधरी ने स्थायी और अनिवार्य रोक लगाने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया कि फेसबुक पेज और यूट्यूब चैनलों सहित कई सोशल मीडिया मंचों पर उनके खिलाफ यौन कदाचार जैसी अपमानजनक सामग्री मौजूद है।

न्यायमूर्ति अमित बंसल ने सुनवाई की तारीख 13 जनवरी, 2026 से पहले निर्धारित करने की चौधरी की अर्जी को स्वीकार कर लिया और इसे 16 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

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अदालत से इंटरनेट से आपत्तिजनक सामग्री हटाने का आदेश देने का आग्रह करते हुए चौधरी के वकील ने कहा कि वायरल वीडियो में उनके चेहरे पर एक महिला की तस्वीर लगा दी गई है।

इस पर न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आपका चेहरा एक साल से ज़्यादा समय से वहां है और आप अभी-अभी जागे हैं… मैं आपकी बात समझ रहा हूँ लेकिन उन्हें (सामग्री अपलोड करने वालों को) आने दीजिए, फिर हम आदेश देंगे।’’

अदालत ने मेटा मंचों के वकील से कहा कि वे तीन दिन के भीतर वादी को ‘अपलोडर्स’ का आईपी एड्रेस और बुनियादी ग्राहक जानकारी का विवरण उपलब्ध कराएं।

इसने कहा कि वादी को आपत्तिजनक सामग्री अपलोड करने वालों को पक्षकार बनाने के लिए कदम उठाने चाहिए।

वादी के वकील ने अदालत को बताया कि सोशल मीडिया पर अपलोड की गई ज्यादातर सामग्री दो साल पुरानी है और अधिकांश ‘यूआरएल’ मीडिया खबरों से संबंधित हैं।

भाषा गोला नेत्रपाल

नेत्रपाल


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