मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल को नहीं मिली रहत

मालेगांव ब्लास्ट मामले में साध्वी प्रज्ञा और कर्नल को नहीं मिली रहत

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  • Publish Date - December 27, 2017 / 02:48 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

साध्वी प्रज्ञा और कर्नल पुरोहित के लिया आज का दिन राहत देने वाला नहीं रहा। साल 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट केस में कर्नल श्रीकांत पुरोहित और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को राहत नहीं मिली है. हालांकि उनके ऊपर से मकोका हट गया है और अब आईपीसी  की धाराओं के तहत केस चलेगा. इनमें हत्या, आपराधिक साज़िश की धाराएं भी शामिल हैं. कोर्ट ने इसके अलावा श्याम साहू, प्रवीण टक्कलकी और रामचंद्र कालसांगरा को बरी कर दिया है। 

ज्ञात हो की 29 सितंबर 2008 को मालेगांव में अंजुमन चौक पर शकील गुड्स ट्रांसपोर्ट कंपनी के सामने हुए बम धमाके में 6 की मौत हुई थी और 101 जख्मी हुए थे. धमाका एल एम एल फ्रीडम मोटरसाइकिल में हुआ था. पुलिस जाँच में ये बात सामने आई थी कि धमाके वाली मोटरसाइकिल साध्वी के नाम से रजिस्टर्ड थी. उसके बाद स्वामी दयानंद पांडे, मेजर रमेश उपाध्याय और कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित सहित कुल 11 को गिरफ्तार कर लिया गया.

इस मामले पर 20 नवंबर 2008 को मकोका लगा दिया गया और एटीएस ने 21 जनवरी 2009 को पहला आरोप पत्र दायर किया,  जिसमें 11 गिरफ्तार और 3 फरार आरोपी दिखाए गए. लेकिन उसके बाद इस केस की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA को सौंप दी गई. NIA ने तकरीबन 4 साल की जांच के बाद 31 मई 2016 को नई चार्जशीट फाइल की थी.

जिसमें रिटायर रमेश शिवाजी उपाध्याय, समीर शरद कुलकर्णी, अजय राहिरकर, राकेश धावड़े, जगदीश महात्रे, कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, सुधाकर द्विवेदी उर्फ स्वामी दयानंद पांडे सुधाकर चतुर्वेदी, रामचंद्र कालसांगरा  और संदीप डांगे के खिलाफ पुख्ता सबूत होने का दावा किया गया.