Violence in Malkangiri: दो गांवों के बीच भड़की हिंसा, सरकार ने बढ़ाई इंटरनेट सेवा निलंबन की अवधि, अब इतने घंटे तक और बंद रहेगा इंटरनेट
Violence in Malkangiri: दो गांवों के बीच भड़की हिंसा, सरकार ने बढ़ाई इंटरनेट सेवा निलंबन की अवधि, अब इतने घंटे तक और बंद रहेगा इंटरनेट
Violence in Malkangiri/ Image Source: IBC24
भुवनेश्वर/मलकानगिरि: Violence in Malkangiri ओडिशा सरकार ने कोरकुंडा थानाक्षेत्र में एक आदिवासी महिला का सिर विहीन शव बरामद होने के बाद दो गांवों के निवासियों के बीच झड़प से उत्पन्न तनाव के मद्देनजर मलकानगिरि जिले में इंटरनेट सेवा के निलंबन की अवधि बढ़ा दी है। अधिकारियों ने बताया कि दोनों गांवों में लगाई गई निषेधाज्ञा अभी जारी है।
Violence in Malkangiri उन्होंने कहा कि 51 वर्षीय महिला का शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिवार के सदस्यों ने दफना दिया, लेकिन सिर अभी तक नहीं मिला है। सरकारी अधिसूचना में कहा गया, ‘‘मलकानगिरि के जिलाधिकारी के अनुरोध के अनुसार, गृह विभाग ने जिले में व्हाट्सऐप, फेसबुक, एक्स तथा इंटरनेट और डेटा सेवाओं के अन्य माध्यमों जैसे सोशल मीडिया मंचों के उपयोग और पहुंच पर प्रतिबंध को 10 दिसंबर की रात 12 बजे तक 18 घंटे के लिए बढ़ा दिया है।’’
अधिसूचना में कहा गया कि यह आदेश बैंकिंग और रेलवे के अलावा सरकारी इंटरनेट और इंट्रानेट आधारित सेवाओं पर लागू नहीं होगा। इससे पहले, इंटरनेट पर प्रतिबंध मंगलवार शाम छह बजे तक के लिए था। मलकानगिरि से मिली रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन ने राखेलगुडा गांव की लेक पदियामी (51) का सिर विहीन शव सौंप दिया है। वह एक दिसंबर को लापता हो गई थी और चार दिसंबर को उसका धड़ गांव के पास एक नदी किनारे मिला था।
प्रशासन के अनुसार, महिला के शव को आदिवासी परंपराओं के अनुसार राखेलगुडा गांव में दफनाया गया। मलकानगिरि के ज़िलाधिकारी सोमेश कुमार उपाध्याय और पुलिस अधीक्षक विनोद पाटिल ने दफ़नाने की प्रक्रिया की निगरानी की। दक्षिणी संभाग के राजस्व संभागीय आयुक्त (आरडीसी) संग्राम केशरी महापात्रा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यहां स्थिति सामान्य है। प्रशासन पहले ही आंदोलनकारी आदिवासियों और प्रभावित बंगाली प्रवासियों के साथ दो दौर की बातचीत कर चुका है। हम एक और दौर की बातचीत करेंगे।’’
मलकानगिरि के एसडीपीओ दिव्य रंजन दलाई ने कहा, ‘‘परिवार के सदस्य शुरू में शव लेने के लिए अनिच्छुक थे और हत्या में शामिल अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे, लेकिन अंततः परामर्श के बाद वे सहमत हो गए।’’ उन्होंने बताया कि मृतक के परिवार को अंतिम संस्कार के लिए 30,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई। उपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘परिवार को मुख्यमंत्री राहत कोष से चार लाख रुपये दिए जाएंगे। स्थिति नियंत्रण में है और कोरकुंडा थानाक्षेत्र के दोनों गांवों में हिंसा की कोई नयी घटना नहीं हुई है।’’ रविवार दोपहर उस समय झड़प हुई जब राखलगुडा गांव के आदिवासियों ने कोरकुंडा सदर थानाक्षेत्र की बंगाली बस्ती एमवी-26 गांव पर कथित तौर पर हमला कर दिया।

Facebook



