संदेशखालि में महिलाओं पर धर्म के आधार पर अत्याचार हुआ तो ममता चुप रहीं: अमित शाह

संदेशखालि में महिलाओं पर धर्म के आधार पर अत्याचार हुआ तो ममता चुप रहीं: अमित शाह

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  • Publish Date - May 10, 2024 / 07:31 PM IST,
    Updated On - May 10, 2024 / 07:31 PM IST

माजदिया (पश्चिम बंगाल), 10 मई (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर संदेशखालि के मुद्दे पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा किसी भी दोषी को नहीं बख्शेगी।

संदेशखालि में तृणमूल कांग्रेस के स्थानीय नेताओं पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने का आरोप हैं।

नदिया जिले में राणाघाट लोकसभा क्षेत्र के माजदिया में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शाह ने आरोप लगाया कि बनर्जी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 (सीएए) को लेकर लोगों को ‘गुमराह’ कर रही हैं। उन्होंने राज्य में कथित भ्रष्टाचार के मामलों पर तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना की।

उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा महिलाओं का यौन उत्पीड़न किए जाने के आरोपों पर शाह ने कहा कि यह शर्म की बात है कि ‘‘ममता बनर्जी ने एक महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद दोषियों को बचाने की कोशिश की’’।

उन्होंने कहा, “संदेशखालि में तृणमूल नेताओं ने धर्म के आधार पर हमारी सैकड़ों बहनों पर अत्याचार किया। ममता दीदी संदेशखालि के अपराधियों को गिरफ्तार करने को तैयार नहीं थीं। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी जांच नहीं हुई तो उच्च न्यायालय ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी।’’

शाह ने यह भी कहा, ‘‘जिसने भी संदेशखालि में अत्याचार किया है, चाहे वह कहीं भी छिपा हो, हम उसे ढूंढ़ेंगे और जेल में डालेंगे। भाजपा इन दोषियों को सजा देगी।”

उनकी टिप्पणी संदेशखालि की महिलाओं के कई कथित वीडियो तृणमूल कांग्रेस द्वारा साझा किए जाने के एक दिन बाद आई जिनमें दावा किया गया है कि भाजपा के एक स्थानीय नेता ने उन महिलाओं से कोरे कागजात पर हस्ताक्षर कराए और बाद में इन्हें यौन उत्पीड़न की शिकायतों के रूप में भर दिया गया।

शाह ने सीएए का विरोध करने और ‘‘घुसपैठियों के समर्थन में रैलियां निकालने’’ पर बनर्जी की आलोचना की।

राणाघाट लोकसभा क्षेत्र में मतुआ समुदाय की आबादी अच्छी-खासी है।

शाह ने कहा, ‘‘भ्रष्टाचार में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और दोषियों को जेल भेजा जाएगा, किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।’’

भाषा नेत्रपाल धीरज

धीरज