पत्नी के साथ यौन संबंध बनाने की लोगों को पेशकश करने के आरोपी व्यक्ति को नहीं मिली जमानत

पत्नी के साथ यौन संबंध बनाने की लोगों को पेशकश करने के आरोपी व्यक्ति को नहीं मिली जमानत

पत्नी के साथ यौन संबंध बनाने की लोगों को पेशकश करने के आरोपी व्यक्ति को नहीं मिली जमानत
Modified Date: June 17, 2025 / 05:22 pm IST
Published Date: June 17, 2025 5:22 pm IST

नयी दिल्ली, 17 जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस व्यक्ति को जमानत देने से इनकार कर दिया है जिस पर अपनी पत्नी को कथित तौर पर ‘‘साथी बदलने’’ (पार्टनर स्वैप) के लिए मजबूर करने और लोगों को उसके साथ यौन संबंध बनाने के लिए सोशल मीडिया पर पेशकश करने का आरोप है।

अदालत ने कहा कि व्यक्ति पर महज ‘‘पारंपरिक वैवाहिक विवाद के आरोपों’’ के लिए मामला दर्ज नहीं किया गया है।

न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया आरोपी व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवायी कर रहे थे, जिस पर बलात्कार, सामूहिक बलात्कार, यौन उत्पीड़न, क्रूरता और आपराधिक विश्वासघात सहित अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है।

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अदालत ने नौ जून को दिए आदेश में कहा, ‘‘प्राथमिकी में लगाए गए आरोप पारंपरिक वैवाहिक विवाद के आरोप नहीं हैं।’’

न्यायाधीश ने महिला के इस आरोप पर विचार किया कि उसका एक रिश्तेदार उसे अनुचित तरीके से छूकर उसका यौन उत्पीड़न करता था तथा उसकी लज्जा भंग करता था, लेकिन जब उसने इसकी अपने पति से शिकायत की, तो उसने उसे इन सबको नजरअंदाज करने को कहा।

अदालत ने प्राथमिकी का हवाला दिया, जिसमें दर्ज है कि पति ‘ब्लेड से उसके हाथों को चोट पहुंचाता था और उससे जख्मी हाथों से रसोई के काम करवाता था।’ प्राथमिकी के अनुसार, व्यक्ति ने ‘उस पर पत्नी अदला-बदली के लिए दबाव डालना शुरू कर दिया था और इस उद्देश्य के लिए वह उसे एक होटल में ले गया, जहां उसके दोस्तों ने उसके साथ छेड़खानी की, इसलिए वह भाग गई।’’

व्यक्ति पर महिला की फर्जी इंस्टाग्राम आईडी बनाने और ‘‘उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करने के अलावा लोगों को पैसे के बदले उसके साथ यौन संबंध बनाने की पेशकश करने का भी आरोप है।’’

अदालत ने कहा कि ‘‘गंभीर आरोपों’’ के अलावा, महिला ने एक मजिस्ट्रेट अदालत के समक्ष अपना बयान भी दर्ज कराया है, जिसमें उसने बलात्कार और सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया है।

अदालत ने कहा, ‘‘इसके अलावा, ऐसा प्रतीत होता है कि इससे पहले, जब अग्रिम जमानत दी गई थी, तो आरोपी ने पीड़िता से संपर्क किया था और उनके साथ चैट किया था, जिसकी प्रतियां रिकॉर्ड में हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण होगा कि वह चैट आरोपी ने एक नये सिम कार्ड के माध्यम से एक काल्पनिक नाम से किया था, लेकिन जांच में, वह सिम उसके नाम पर पंजीकृत पाया गया।’’

भाषा

अमित दिलीप

दिलीप


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