एमसीडी ने एनजीओ को संवेदनशील स्थानों से आवारा कुत्तों को उठाने, रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया
एमसीडी ने एनजीओ को संवेदनशील स्थानों से आवारा कुत्तों को उठाने, रिकॉर्ड रखने का निर्देश दिया
नयी दिल्ली, 21 अगस्त (भाषा) दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए उसके साथ काम करने वाले सभी गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को निर्देश दिया है कि वे सबसे पहले संवेदनशील स्थानों से ‘‘खूंखार’’ कुत्तों को उठाएं और सीसीटीवी फुटेज समेत उनका रिकॉर्ड रखें।
नगर निगम ने अपने क्षेत्रीय पशु चिकित्सा अधिकारियों को गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम करने तथा आवारा कुत्तों को उनके क्षेत्रों के निकटतम पशु जन्म नियंत्रण केंद्रों (एबीसी) को सौंपने का भी निर्देश दिया है।
एनजीओ और पशु चिकित्सा अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि पकड़े गए आवारा कुत्तों का रिकॉर्ड 311 मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से दर्ज किया जाए तथा उनके संबंधित क्षेत्रों से दैनिक रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को प्रस्तुत की जाए।
उच्चतम न्यायालय ने 11 अगस्त को दिल्ली-एनसीआर के प्राधिकारों को निर्देश दिया था कि वे सभी आवारा कुत्तों को ‘शीघ्रतापूर्वक’ उठाएं और उन्हें आश्रय स्थलों में रखें।
न्यायालय ने कहा था कि समय के साथ कुत्तों के लिए आश्रय स्थलों की संख्या बढ़ानी होगी। न्यायालय ने दिल्ली के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे छह से आठ सप्ताह के भीतर आश्रय स्थल बनाएं।
एमसीडी ने अपने परिपत्र में कहा कि आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के लिए उसके द्वारा नियुक्त सभी एनजीओ सबसे पहले सरकारी कार्यालयों, अस्पतालों, स्कूलों, पार्कों, आवासीय कॉलोनियों जैसे ‘‘संवेदनशील’’ स्थानों से उन सभी ‘‘खूंखार या आक्रामक’’ आवारा कुत्तों को उठाएंगे जो लोगों को काटते रहते हैं ।
परिपत्र में कहा गया है, ‘‘आवारा कुत्तों को एनजीओ द्वारा संचालित एबीसी केंद्रों में रखा जाएगा, जो कुत्तों की सीसीटीवी फुटेज और उसका रिकॉर्ड रखेंगे।’’
इस बीच, ‘रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन’ (आरडब्ल्यूए) ने भी आवास समितियों और आस-पड़ोस में आवारा कुत्तों की पहचान करना और उनके बारे में नगर निगम के अधिकारियों को सूचित करना शुरू कर दिया है।
‘यूनाइटेड रेजिडेंट्स ऑफ दिल्ली’ (यूआरडी) के महासचिव सौरभ गांधी ने कहा कि दिल्ली के लोग उच्चतम न्यायालय के उस आदेश के लिए बहुत आभारी हैं, जिसका उद्देश्य मनुष्यों और आवारा कुत्तों दोनों का कल्याण है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम बस आवारा कुत्तों से जुड़ी घटनाओं में वृद्धि का समाधान चाहते हैं। अदालत के आदेश से न केवल लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि इन जानवरों को आश्रय स्थलों में सुरक्षित रखा जाए और उन्हें उचित भोजन दिया जाए।’’
यूआरडी ने आवासीय समितियों से आग्रह किया है कि वे अपने पड़ोस में आवारा कुत्तों की संख्या, फोटो और अन्य विवरण उपलब्ध कराएं, साथ ही कुत्तों के हमलों के मामलों की जानकारी भी अधिकारियों को उपलब्ध कराएं।
भाषा
देवेंद्र पवनेश
पवनेश

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