नये एनएमसी नियमों के उल्लंघन के लिए चिकित्सा महाविद्यालयों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगेगा
नये एनएमसी नियमों के उल्लंघन के लिए चिकित्सा महाविद्यालयों पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगेगा
नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) सांविधिक प्रावधानों और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के नियमों की अनदेखी करने वाले चिकित्सा महाविद्यालयों के खिलाफ प्रत्येक नियम के उल्लंघन पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है। चिकित्सा शिक्षा एवं इस पेशे के सर्वोच्च नियामक संस्थान की ओर से अधिसूचित नये नियमों में इसकी जानकारी दी गयी है।
मरीजों के रिकॉर्ड सहित गलत घोषणा/दस्तावेज/अभिलेख प्रस्तुत करने वाले संकाय/विभागाध्यक्ष/डीन/निदेशक/डॉक्टर पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
नियमों में कहा गया है कि इसके अलावा, उन पर पंजीकृत मेडिकल प्रैक्टिशनर (पेशेवर आचरण) नियमन और ‘चिकित्सा शिक्षा मानकों के रखरखाव नियमन, 2023’ के तहत कदाचार के लिए भी आरोप लगाया जा सकता है या दंडित किया जा सकता है।
इसमें कहा गया है कि यदि कोई मेडिकल कॉलेज एनएमसी के संबंधित बोर्ड द्वारा निर्धारित वैधानिक प्रावधानों और नियमों का पालन करने में विफल रहता है, तो आयोग पांच शैक्षणिक वर्षों की अवधि के लिए मान्यता लंबित कर सकता है और वापस भी ले सकता है।
इस नियम को 27 सितम्बर को अधिसूचित किया गया है ।
दस्तावेज में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम के समग्र उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए, संबंधित बोर्ड (पीजीएमईबी या यूजीएमईबी) यह सत्यापित करने के लिए वार्षिक प्रकटीकरण रिपोर्ट का मूल्यांकन कर सकता है कि मेडिकल कॉलेज या चिकित्सा संस्थान न्यूनतम आवश्यकता मानक (एमएसआर) के माध्यम से निर्धारित आवश्यक शर्तों को पूरा करते हैं या नहीं।’’
भाषा सुरेश रंजन
रंजन

Facebook



