मेघालय सरकार ने 221 नर्सों, पैरामेडिक को नियमित किया, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल नियमों को मंजूरी दी

मेघालय सरकार ने 221 नर्सों, पैरामेडिक को नियमित किया, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल नियमों को मंजूरी दी

मेघालय सरकार ने 221 नर्सों, पैरामेडिक को नियमित किया, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल नियमों को मंजूरी दी
Modified Date: December 9, 2025 / 10:22 pm IST
Published Date: December 9, 2025 8:57 pm IST

शिलांग, नौ दिसंबर (भाषा) मेघालय सरकार ने मंगलवार को कई प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिनमें 2008 और 2012 के बीच नियुक्त 221 नर्सों और पैरामेडिक की सेवाओं को नियमित करना, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल नियमों को मंजूरी और भूमि पट्टे, न्यायिक सेवाओं तथा स्वास्थ्य प्रशासन में सुधार शामिल हैं।

मुख्यमंत्री कोनराड के. संगमा ने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने 221 अनुबंधित नर्सों तथा अनुबंधित पैरामेडिक कर्मचारियों की नियुक्तियों की पुष्टि करने तथा उन्हें औपचारिक रूप से मान्यता देने का निर्णय लिया है, जिन्हें 2008 और 2012 के बीच नियुक्त किया गया था।’’

इससे पहले, मंत्रिमंडल ने यह प्रस्ताव पारित किया था कि 2007 के बाद की गई ऐसी सभी नियुक्तियां, जिनमें उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया था और जिन्हें तदर्थ माना गया था, उन्हें भर्ती के लिए दोबारा विज्ञापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिणामस्वरूप, ‘‘अनुबंधित नर्सों को शुरू में उस सूची में शामिल किया गया था।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘स्वास्थ्य विभाग के साथ चर्चा, अनुबंधित नर्सों से परामर्श और दस्तावेज़ों की गहन समीक्षा के बाद, हमने पाया कि उस अवधि के दौरान नियुक्तियों में वास्तव में आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया गया था। इसलिए कैबिनेट ने इन नियुक्तियों को औपचारिक रूप से मान्यता देने और उन्हें मान्य करने का निर्णय लिया है।’’

इन पदों के लिए अब नयी भर्ती की आवश्यकता नहीं होगी।

मंत्रिमंडल ने मेघालय मानसिक स्वास्थ्य सेवा नियमों को भी मंजूरी दे दी, जो मानसिक स्वास्थ्य सेवा, पुनर्वास और संबद्ध गतिविधियों से संबंधित संस्थानों के लिए एक नियामक ढांचा प्रदान करेंगे।

इसने मेघालय न्यायिक सेवा नियम 2006 और मेघालय उच्चतर न्यायिक सेवा नियम 2015 में संशोधन को भी हरी झंडी दे दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायपालिका की सिफारिशों के आधार पर न्यायिक सेवा के अभ्यर्थियों के लिए अब खासी या गारो भाषा का ज्ञान अनिवार्य होगा।

जल जीवन मिशन के तहत 700 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी करने में देरी पर संगमा ने कहा कि भारत सरकार ने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा अनिवार्य किए गए राष्ट्रव्यापी ऑडिट लंबित रहने तक सभी राज्यों को भुगतान रोक दिया है।

भाषा नोमान नेत्रपाल

नेत्रपाल


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सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।