नयी दिल्ली, 24 दिसंबर (भाषा) करीब आठ साल पहले बिहार से हरियाणा के अंबाला गए और बाद में राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे मानसिक रूप से बीमार 39 वर्षीय एक व्यक्ति को उसके परिवार से मिला दिया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
पुलिस के अनुसार, श्रवण मंडल दो साल के एक बच्चे के साथ मिला था, जिसके बारे में मंडल ने दावा किया वह उसका बच्चा है। उसके दावे को साबित करने के लिए डीएनए नमूने लिए गए हैं।
दिल्ली पुलिस को एक दिसंबर को शहर के उत्तरी हिस्से के सदर बाजार इलाके में दो साल के बच्चे के साथ एक व्यक्ति मिला। पुलिस को संदेह हुआ कि व्यक्ति मानसिक रोग से पीड़ित है। बाद में, व्यक्ति को मानव व्यवहार और संबद्ध विज्ञान संस्थान (इहबास) में भर्ती कराया गया और बच्चे को बाल गृह में भर्ती कराया गया।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा क्योंकि वह आदमी बात करने के लिए तैयार नहीं था। पुलिस के लिए, बच्चा अधिक महत्वपूर्ण था और हम बच्चे के परिवार के सदस्यों के बारे में जानना चाहते थे ताकि हम उन्हें फिर से मिला सकें।’’
पुलिस ने कहा कि इहबास अस्पताल के डॉक्टरों ने भी उनका सहयोग किया और जांच में उनकी मदद की। बाद में, उस व्यक्ति ने कहा कि उसका नाम श्रवण मंडल है और वह बिहार के मधुबनी जिले का रहने वाला है।
अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर मधुबनी जिले की मतदाता सूची की जांच की और एक जैसे नाम वाले तीन लोगों का पता चला, जिसके बाद बिहार की स्थानीय पुलिस से संपर्क किया गया। इसके बाद बिहार से करीब चार साल पहले लापता हुए श्रवण मंडल के परिजन ने पुलिस से संपर्क किया। पुलिस उन्हें इहबास अस्पताल ले गई, लेकिन उन्होंने उस व्यक्ति की पहचान करने से इनकार कर दिया।
आगे की जांच के दौरान, सहायक उप-निरीक्षक विनोद वालिया और हेड कांस्टेबल आशीष लकड़ा की टीम ने फूलपरास, झंझारपुर, घोघरडीहा के प्रखंड विकास पदाधिकारी (बीडीओ) और नगर पंचायत घोघरडीहा से संपर्क किया।
अधिकारी ने बताया कि इनमें बीडीओ घोघरडीहा द्वारा मुहैया कराया गया नंबर बथनाहा गांव का था। मंडल की तस्वीर वाट्सऐप के माध्यम से भेजी गई और उसके परिवार के सदस्यों ने उसकी पहचान की। मंडल के भाई जयप्रकाश और एक रिश्तेदार अरुण को इहबास अस्पताल बुलाया गया। जयप्रकाश ने पुलिस को बताया कि गांव में मंडल की पत्नी और दो बेटियां हैं। सात-आठ साल पहले मंडल अपने भाई के साथ एक फैक्टरी में काम करने अंबाला गया था। हालांकि, मंडल ने केवल एक महीने काम करने के बाद अंबाला छोड़ दिया।
पुलिस के मुताबिक जयप्रकाश ने यह भी कहा कि मंडल दिल्ली में एक महिला के संपर्क में आया और बाद में महिला उसे छोड़कर चली गई। बच्चा शायद मंडल और उस महिला का है। पुलिस ने कहा कि बच्चा धीरपुर के एक बाल गृह में है और डीएनए नमूना को जांच के लिए भेजा गया है। अधिकारी ने कहा, ‘‘अगर रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो बच्चे को मंडल और उसके परिवार के सदस्यों को सौंप दिया जाएगा।’’
भाषा आशीष उमा
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