नयी दिल्ली, 25 नवंबर (भाषा) सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए आयुष क्षेत्र में तथ्यात्मक और तार्किक अनुसंधान तथा वैज्ञानिक तरीकों को बढ़ावा देने के लक्ष्य से आयुष मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) ने शुक्रवर को एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये।
डीएसटी भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और भू-विज्ञान मंत्रालय के तहत आता है।
आयुष मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, इस सहमति पत्र के तहत आयुष के क्षेत्र में अनुसंधान के विषयों की पहचान करना, तथ्य आधारित वैज्ञानिक प्रक्रिया के लिए सहयोग आदि का रास्ता तलाशना और अंत में इन अनुसंधानों के परिणामों को सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में लागू करना शामिल होगा।
आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और डीएसटी की सचिव डॉक्टर सावित्री चन्द्रशेखर ने आयुष मंत्रालय और डीएसटी के वैज्ञानिकों की उपस्थिति में सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर किये।
चन्द्रशेखर ने कहा, ‘‘पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक विज्ञान हाथ मिला रहे हैं, खास तौर से स्वास्थ्य के क्षेत्र में। जब हम वैज्ञानिकों और आयुष के डॉक्टरों को साथ लाते हैं तो, हमें पक्का पता होता है कि समाधान निकल आएगा, और वह (समाधान) किफायती दरों पर उपलब्ध होगा। मैं आशा करता हूं कि यह देश के सर्वोत्तम कार्यक्रमों में से एक बन जाए।’’
बयान में कहा गया है कि सहमति पत्र के माध्यम से आयुष मंत्रालय और डीएसटी ने संयुक्त रूप से अनुसंधान एवं विकास कार्य करने और आयुष के सिद्धांतों, प्रक्रिया और उत्पादों के वैज्ञानिक सत्यापन पर काम करने, सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए एक साझा मंच विकसित करने और आयुष से जुड़े मूल सिद्धांतों तथा विचारों को समझने के लिए आधुनिक विज्ञान का उपयोग करने पर सहमति जतायी है।
भाषा अर्पणा माधव
माधव
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