मोदी से मिले अब्दुल्ला, अफगानिस्तान में शांति पहल पर चर्चा की

मोदी से मिले अब्दुल्ला, अफगानिस्तान में शांति पहल पर चर्चा की

मोदी से मिले अब्दुल्ला, अफगानिस्तान में शांति पहल पर चर्चा की
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: October 8, 2020 10:40 am IST

नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) अफगानिस्तान के शीर्ष शांति वार्ताकार अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्री मोदी से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने युद्ध ग्रस्त देश में स्थिरता लाने के मकसद से चल रही महत्वपूर्ण शांति पहल पर चर्चा की।

बैठक के बाद अब्दुल्ला ने ट्वीट कर जानकारी दी कि अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया का भारत की ओर से समर्थन जारी रखने को लेकर मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि मोदी ने भारत-अफगानिस्तान संबंधों को और मजबूती देने की नयी दिल्ली की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दोहराया।

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अब्दुल्ला पांच दिवसीय यात्रा पर मंगलवार को नयी दिल्ली पहुंचे। उनके इस दौरे का मकसद अफगान शांति प्रक्रिया के लिए समर्थन जुटाना और क्षेत्रीय सहमति बनाने का प्रयास करना है।

अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर खुशी हुई। दोस्ताना माहौल में हुई वार्ता के दौरान हमने अफगान शांति प्रक्रिया से जुड़े ताजा घटनाक्रमों, दोहा वार्ता और शांति प्रयासों को भारत के समर्थन जैसे मुद्दों की समीक्षा की।’’

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान और शांति प्रक्रिया का भारत की ओर से समर्थन जारी रखने को लेकर मुझे आश्वस्त किया है। मैंने उन्हें और भारत के लोगों को आमंत्रण देने और आतिथ्य के लिए धन्यवाद दिया। मैंने अफगान शांति प्रक्रिया हेतु भारत की सैद्धांतिक स्थिति के लिए भारत का धन्यवाद किया।’’

श्रीवास्तव ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अफगानिस्तान की शांति परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला से मिले। उन्होंने भारत-अफगानिस्तान संबंधों को और मजबूती देने की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता दोहराई’’

उन्होंने दोनों नेताओं की मुलाकात से संबंधित तस्वीरें भी साझा कीं।

अब्दुल्ला ने बुधवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ युद्ध ग्रस्त देश में महत्वपूर्ण शांति पहल पर वार्ता की। उनकी यह यात्रा दोहा में अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता के बीच हुई है।

अफगान अधिकारियों ने कहा कि यह यात्रा एक क्षेत्रीय आम सहमति बनाने और अफगान शांति प्रक्रिया के समर्थन के प्रयासों का हिस्सा है।

गौरतलब है कि तालिबान और अफगान सरकार 19 साल के युद्ध को समाप्त करने के लिए पहली बार सीधी बातचीत कर रहे हैं।

अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया में भारत एक महत्वपूर्ण पक्षकार है। भारत ने अफगानिस्तान में पुनर्निर्माण गतिविधियों में करीब दो अरब डालर का निवेश किया है। फरवरी में अमेरिका और तालिबान के बीच शांति समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद भारत उभरती राजनीति स्थिति पर करीबी नजर बनाये हुए हैं। इस समझौते के तहत अमेरिका, अफगानिस्तान से अपने सैनिक हटा लेगा । वर्ष 2001 के बाद से अफगानिस्तान में अमेरिका के करीब 2400 सैनिक मारे गए हैं।

पिछले महीने दोहा में आयोजित अफगानिस्तान शांति प्रक्रिया पर आयोजित बैठक के प्रारंभिक सत्र में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हिस्सा लिया था।

उन्होंने उम्मीद जताई थी कि अफगानिस्तान की धरती का कभी भी भारत विरोधी गतिविधियों के लिये इस्तेमाल नहीं किया जायेगा। साथ ही यह भी कहा था कि भारत और अफगानिस्तान की मित्रता ‘‘मजबूत और दृढ़’’ है और नयी दिल्ली के विकास कार्यक्रमों से अफगानिस्तान का कोई भी हिस्सा अछूता नहीं है।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र माधव

माधव


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