धोनी की अवमानना याचिका: न्यायालय ने पूर्व आईपीएस अधिकारी की सजा पर रोक बढ़ाई

धोनी की अवमानना याचिका: न्यायालय ने पूर्व आईपीएस अधिकारी की सजा पर रोक बढ़ाई

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  • Publish Date - April 12, 2024 / 06:16 PM IST,
    Updated On - April 12, 2024 / 06:16 PM IST

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने पूर्व क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी द्वारा दायर अदालत की अवमानना मामले में मद्रास उच्च न्यायालय की ओर से सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी जी. संपत कुमार को दी गयी 15 दिन की साधारण कैद की सजा पर अंतरिम रोक बढ़ा दी है।

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए तीन मई की तारीख तय की है।

पीठ ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘अगले आदेश तक अंतरिम आदेश जारी रहेगा।’’

उच्च न्यायालय ने पिछले साल 15 दिसंबर को भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी कुमार को आपराधिक अवमानना ​​का दोषी पाया था और उन्हें 15 दिनों के साधारण कारावास की सजा सुनाई थी।

धोनी ने अपनी अवमानना याचिका में 100 करोड़ रुपये के मानहानि मुकदमे के जवाब के तहत दिये गये एक लिखित बयान में न्यायपालिका के खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए पूर्व आईपीएस अधिकारी को सजा देने की मांग की थी।

धोनी ने 2014 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) सट्टेबाजी घोटाले में अपना नाम आने पर पूर्व पुलिस अधिकारी के खिलाफ अदालत का रुख किया था।

अपने आदेश में, उच्च न्यायालय ने कहा था कि कुमार ने जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की थी और इस अदालत एवं उच्चतम न्यायालय के प्राधिकार को कमतर करने का प्रयास किया था।

उच्च न्यायालय ने कहा था कि कुमार ने अपने खास शब्दों के जरिये इस अदालत के साथ-साथ शीर्ष अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचाने और बदनाम तथा कमतर करने के इरादे से न्यायपालिका को अशोभनीय तरीके से निशाना बनाया था।

उच्च न्यायालय ने कहा था कि कुमार एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी थे, जिनके पास अपराध की जांच करने का अवसर था।

उच्च न्यायालय ने कहा था, ‘‘अगर संपत कुमार जैसे व्यक्तियों को निष्पक्ष न्यायिक प्रशासन में जनता का विश्वास डिगाने की इजाजत दी गयी तो इसे न्यायपालिका पर हमला माना जाना चाहिए।’’

भाषा सुरेश माधव

माधव