नगा शांति वार्ता का समाधान लंबे समय से अटका हुआ है, कांग्रेस ही विकास की उम्मीद: थरूर

नगा शांति वार्ता का समाधान लंबे समय से अटका हुआ है, कांग्रेस ही विकास की उम्मीद: थरूर

नगा शांति वार्ता का समाधान लंबे समय से अटका हुआ है, कांग्रेस ही विकास की उम्मीद: थरूर
Modified Date: February 23, 2023 / 12:56 pm IST
Published Date: February 23, 2023 12:56 pm IST

कोहिमा, 23 फरवरी (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं लोकसभा सदस्य शशि थरूर ने कहा है कि नगा शांति समझौते के समाधान का लंबे समय से इंतजार है और उनका दल इसका हल चाहता है।

थरूर ने यहां कांग्रेस भवन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि नगालैंड को राज्य का दर्जा मिलने के 60 साल बाद भी यहां पानी, बिजली, स्वास्थ्य सेवाओं और सड़क संबंधी बुनियादी सुविधाओं की कमी है तथा कांग्रेस इस पूर्वोत्तर राज्य में विकास और प्रगति की उम्मीद है।

थरूर ने बुधवार को कहा, ‘‘नगा इस तरह के धोखे, भ्रष्टाचार, बेईमानी और अक्षमता से बेहतर के हकदार हैं।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘(प्रधानमंत्री) नरेन्द्र मोदी (के नेतृत्व वाली केंद्र) सरकार ने 2015 में नगा समझौता करने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में वह यह कहते हुए पीछे हट गई कि यह केवल समझौते का खाका था। वे अब कह रहे हैं कि बातचीत चल रही है।’’

थरूर ने कहा कि 2019 में नगालैंड के तत्कालीन राज्यपाल एवं नगा शांति वार्ता के लिए केंद्र के वार्ताकार आर एन रवि ने घोषणा की थी कि इस मामले को केवल तीन महीने में हल कर लिया जाएगा लेकिन तब से चार साल बीत चुके हैं। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लोगों को ‘‘धोखा देने’’ का आरोप लगाया।

केरल से सांसद थरूर ने बुनियादी सुविधाओं के बारे में कहा कि सरकार को नियमित बिजली आपूर्ति, सड़कें, शुद्ध पेयजल, अच्छी स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा प्रदान करनी चाहिए।

उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की बुनियादी जरूरतें हर क्षेत्र में व्यक्ति की मुख्य आवश्यकताएं होती हैं, लेकिन मौजूदा सरकार इन्हें उपलब्ध कराने में विफल रही है।’’

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि भाजपा पूर्वोत्तर राज्य में कुछ और देश के अन्य हिस्सों में कुछ और कहकर नगा समुदायों को ‘‘मूर्ख’’ बना रही है।

उन्होंने धार्मिक अल्पसंख्यकों पर कथित हमलों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘भाजपा को ‘एक राष्ट्र, एक धर्म, एक भाषा, एक संस्कृति और एक नेता’ में विश्वास के अपने मूल झुकाव को छिपाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’’

उन्होंने धार्मिक अल्पसंख्यकों पर कथित हमलों को लेकर ‘‘राज्य सरकार की चुप्पी’’ पर हैरानी जताई।

यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस 60 सदस्यीय नगालैंड विधानसभा में केवल 23 सीट पर चुनाव लड़कर कैसे सरकार बनाएगी, उन्होंने कहा कि यह गठबंधन का दौर है और उन्हें उम्मीद है कि अगर उनकी पार्टी पर्याप्त सीट जीतती है, तो अन्य समान विचारधारा वाले दल बदलाव लाने के लिए साथ आएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘इस समय विधानसभा में हमारा कोई विधायक नहीं है, लेकिन कांग्रेस बेहतर नगालैंड बनाने के लिए लंबित समस्याओं के समाधान और विकास की उम्मीद है।’’

विधानसभा चुनाव 27 फरवरी को होंगे और मतगणना दो मार्च को होगी।

भाषा सिम्मी नरेश ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र


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