नगालैंड : एनपीएफ ने एनडीपीपी के साथ विलय को मंजूरी दी
नगालैंड : एनपीएफ ने एनडीपीपी के साथ विलय को मंजूरी दी
कोहिमा, 21 अक्टूबर (भाषा) नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने मंगलवार को इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित आम सभा के दौरान नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के अपने साथ विलय का आम सहमति से अनुमोदन किया।
एक पार्टी नेता ने बताया कि सभा में लगभग 5,000 सक्रिय पार्टी सदस्यों ने भाग लिया जिसने विलय को मंजूरी दी और 18 अक्टूबर को केंद्रीय पदाधिकारियों (सीओबी) और केंद्रीय कार्यकारी परिषद (सीईसी) द्वारा पहले अपनाए गए प्रस्तावों पर मुहर लगाई।
उन्होंने कहा कि सभा में आम सहमति से 2025-2030 के कार्यकाल के लिए सीओबी, सीईसी और प्रकोष्ठों के पदाधिकारियों की एक नई टीम का चुनाव किया गया जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो नए अध्यक्ष के रूप में करेंगे, जबकि विधायक अचुम्बेमो किकोन को महासचिव के रूप में बरकरार रखा गया।
सभा ने मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष दोनों के रूप में रियो के नेतृत्व में अपना पूर्ण विश्वास और समर्थन भी व्यक्त किया।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष खोंगजाह कोन्याक द्वारा प्रस्तुत प्रस्तावों को आम सभा में सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया।
नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के अध्यक्ष अपोंग पोंगेनर ने मंगलवार को नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) के एनपीएफ में विलय को ‘ऐतिहासिक पुनरुत्थान’ और ‘एकता का दिव्य उपहार’ बताया, जो लगभग आठ वर्षों तक विपक्ष में रहने के बाद पार्टी की वापसी का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, एनडीपीपी अध्यक्ष चिंगवांग कोन्याक और उनके सहयोगियों का एनपीएफ में स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि इस विलय से ‘एक मजबूत क्षेत्रीय राजनीतिक इकाई’ का निर्माण हुआ है, जो नगा और पूर्वोत्तर की अन्य जनजातियों की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करती है।
किकोन ने नगा समुदाय के राजनीतिक मुद्दे का शांतिपूर्ण, समावेशी और सम्मानजनक समाधान ‘हथियारों से नहीं, भरोसे’ के जरिये करने के पार्टी के दृढ़ रुख को दोहराया।
किकोन ने मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को समाप्त करने और नगा क्षेत्रों में सीमा पर बाड़ लगाने के खिलाफ पार्टी की विरोध रैलियों पर प्रकाश डाला और दोहराया कि ‘नगा एक हैं और एक रहेंगे’।
उन्होंने कहा कि पार्टी ने मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की भी निंदा की और एक लोकप्रिय सरकार की बहाली का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि एनपीएफ ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ (ओएनओई) प्रस्ताव का विरोध किया और आगाह किया कि इससे क्षेत्रीय आवाजों को दबाए जाने का खतरा है।
उन्होंने कहा कि एनपीएफ ने 16वें वित्त आयोग और ओएनओई को लेकर गठित उच्च-स्तरीय समिति, दोनों को ज्ञापन सौंपे हैं।
भाषा संतोष धीरज
धीरज

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