नाकतला उदयन संघ ने दुर्गापूजा के लिए प्रवासी मजदूरों की पीड़ा को विषय बनाया | Naktala Udyan Sangh subjects agony of migrant labourers for Durga Puja

नाकतला उदयन संघ ने दुर्गापूजा के लिए प्रवासी मजदूरों की पीड़ा को विषय बनाया

नाकतला उदयन संघ ने दुर्गापूजा के लिए प्रवासी मजदूरों की पीड़ा को विषय बनाया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:01 PM IST, Published Date : October 4, 2020/10:35 am IST

कोलकाता, चार अक्टूबर (भाषा) कोलकाता की एक प्रसिद्ध दुर्गा पूजा समिति ने इस वर्ष लॉकडाउन में अपने घरों को लौट रहे प्रवासी मजदूरों की पीड़ा को विषय (थीम) बनाकर अपने पंडाल की तैयारी की है। इस दुर्गा पूजा का आयोजन पश्चिम बंगाल के एक वरिष्ठ मंत्री के सौजन्य से किया जाता है।

नाकतला उदयन संघ ने अन्य राज्यों से लौटे 60 प्रवासी मजदूरों को लेकर एक भव्य पंडाल बनाया है।

पूजा का विषय प्रसिद्ध कलाकार भाबोतोष सुतार ने तैयार किया है।

पूजा समिति के पदाधिकारी अंजन दास ने रविवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि महामारी ने सब को अलग-अलग तरह से प्रभावित किया है। लॉकडाउन शुरू होते ही हजारों प्रवासी मजदूरों को मजबूरी में वापस आना पड़ा।

दास ने कहा कि हमने मुर्शिदाबाद, नादिया और दक्षिण 24 परगना जिलों से 60 मजदूरों को बुलाया है। वे पंडाल बनाने में और अपेक्षित प्रभाव पैदा करने में हमारी मदद कर रहे हैं।

पंडाल के बगल में एक ट्रक की प्रतिकृति भी होगी जिस पर प्रवासी मजदूरों को सवार दिखाया जाएगा।

दास ने कहा, ‘हर कोई जानता है कि लॉकडाउन शुरु होने के बाद प्रवासी लोग घर लौटने के लिए कितने आतुर थे और कोई ट्रेन सेवा या यात्री वाहनों के नहीं होने के कारण उन्होंने ट्रक और अन्य वाहनों से आने के लिए काफी अधिक पैसे दिए। यह मॉडल प्रतीकात्मक रूप से उनकी दुर्दशा को दिखाएगा।’

पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी, नाकतला उदयन संघ के अध्यक्ष हैं।

इस बार पंडाल में 12 फुट की मूर्ति बनायी गयी है जिसे दूर सड़क से भी देखा जा सकेगा।

इसके साथ ही पास के एस सी बोस मार्ग पर चार विशाल स्क्रीन लगाए जाएंगे, जहां पंडाल और मूर्ति का लाइव प्रसारण किया जाएगा।

‘भोग’ के वितरण के दौरान मजदूरों को पहली वरीयता दी जाएगी।

चटर्जी ने पहले ही कहा था,’हम इस वर्ष धूमधाम और भीड़भाड़ से दूर रहेंगे। पूजा मानवता की सेवा करने के उद्देश्य से आयोजित की जाएगी।’

दुर्गा पूजा 23 से 26 अक्टूबर तक होगी।

भाषा

शुभांशि अविनाश

अविनाश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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