नई दिल्ली। हिंदी के विख्यात आलोचक और साहित्यकार नामवर सिंह का निधन हो गया। 93 साल के नामवर सिंह ने कल देर रात करीब 12 बजे दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली। वे पिछले कुछ दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। जनवरी में वे अचानक अपने रूम में गिर गए थे। जिसके बाद उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया था।
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नामवर सिंह का जन्म बनारस के जीयनपुर गांव में हुआ था। हिंदी में आलोचना विधा को नई पहचान देने वाले नामवर सिंह ने हिंदी साहित्य में एमए व पीएचडी करने के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पढ़ाया। इसके बाद वे दिल्ली आ गए थे। यहां उन्होंने जेएनयू में भारतीय भाषा केंद्र की स्थापना की और हिंदी साहित्य को और ऊंचाई पर ले गए।
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नामवर सिंह, हिंदी साहित्य में बड़ा नाम हैं, हजारी प्रसाद द्विवेदी से साहित्य को बारीकियों को उन्होंने सीखा। नामवर सिंह को साहित्य अकादमी अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है। नामवार सिंह ने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय और वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य किया था। जनयुग और आलोचना नाम की दो हिंदी पत्रिकाओं का भी नामवर सिंह ने संपादन किया था। मंगलवार रात को उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा। वो कुछ समय से एम्स में भर्ती थे। नामवर सिंह के निधन से साहित्य के दुनिया में एक खालीपन महसूस किया जाएगा। देश दुनिया के प्रमुख साहित्यकारों ने उनके निधन पर अपनी श्रध्दांजलि दी है। नामवर सिंह को हमारी ओर से भी शत शत नमन ।