गोवा के लईराई देवी मंदिर की संकरी गलियों की वजह से हमेशा ‘भगदड़’ की आशंका रहती : अधिकारी

गोवा के लईराई देवी मंदिर की संकरी गलियों की वजह से हमेशा ‘भगदड़’ की आशंका रहती : अधिकारी

गोवा के लईराई देवी मंदिर की संकरी गलियों की वजह से हमेशा ‘भगदड़’ की आशंका रहती : अधिकारी
Modified Date: May 4, 2025 / 05:52 pm IST
Published Date: May 4, 2025 5:52 pm IST

पणजी, चार मई (भाषा) उत्तरी गोवा के जिस मंदिर में शनिवार को भगदड़ हुई और छह लोगों की जान चली गई, वहां पर ढलान वाला रास्ता है और यह दुर्घटना संभावित क्षेत्र है। इसी समारोह में पिछले साल भी मामूली स्तर पर ऐसी ही एक घटना हुई थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि भगदड़ में गंभीर रूप से घायल लोगों की हालत स्थिर बनी हुई है।

उत्तरी गोवा जिले के शिरगांव स्थित श्री लईराई देवी मंदिर में अनुष्ठान जारी रहा और मंदिर समिति द्वारा लोगों से दूर रहने की अपील के बावजूद सैकड़ों श्रद्धालु पैदल ही मंदिर पहुंचे।

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मंदिर की ओर जाने वाली संकरी गलियों में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के आने से शनिवार सुबह भगदड़ मच गई थी। इस घटना में छह लोगों की मौत हो गई और करीब 70 लोग घायल हो गए।

अधिकारी ने बताया कि सरकार द्वारा गठित तथ्यान्वेषी समिति ने कार्यक्रम में भीड़ प्रबंधन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के बयान दर्ज किए हैं।

सरकार ने राजस्व सचिव संदीप जैक्स की अध्यक्षता में एक तथ्यान्वेषी समिति का गठन किया है, जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वर्षा शर्मा, राज्य परिवहन निदेशक परिमल अभिषेक और दक्षिण गोवा के पुलिस अधीक्षक टीकम सिंह वर्मा शामिल हैं।

वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि भगदड़ एक ढलान पर मची, जो दुर्घटना संभावित क्षेत्र है और समिति घटना के पीछे की सटीक वजह का पता लगाने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें जानकारी मिली है कि पिछले साल भी मंदिर में उत्सव के दौरान इसी स्थान पर एक ऐसी ही घटना हुई थी, लेकिन यह घटना मामूली स्तर की थी।’’

अधिकारी ने कहा कि समिति इस बात की भी जांच करेगी कि इस प्रकार की घटना को रोकने के लिए सावधानी क्यों नहीं बरती गई।

उन्होंने कहा, ‘‘समिति ने अपनी जांच शुरू कर दी है। इसने जिलाधिकारी स्नेहा गिट्टे, पुलिस अधीक्षक अक्षत कौशल, पुलिस उपाधीक्षक जिवबा दलवी, उपजिलाधिकारी भीमनाथ खोरजुवेकर, मंदिर समिति के सदस्यों और अन्य लोगों के बयान दर्ज किए हैं, ताकि यह पता लग सके कि उस दिन वास्तव में क्या हुआ था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जानकारी जुटाने और रिपोर्ट दाखिल करने में कुछ दिन और लगेंगे।’’

अधिकारी ने कहा कि समिति इस बात की भी जांच कर रही है कि तीर्थयात्रियों के दो समूहों के बीच कथित तौर पर झगड़े के कारण भगदड़ मची।

उन्होंने कहा कि मंदिर की ओर जाने वाली गलियां संकरी होने के बावजूद मंदिर समिति ने रास्ते में दुकानें लगाने की अनुमति दे दी, जिससे इलाके में भीड़भाड़ और बढ़ गई।

पुलिस महानिदेशक आलोक कुमार ने शनिवार को कहा था कि उत्सव में शामिल होने के लिए कम से कम 30,000 से 40,000 श्रद्धालु एकत्र हुए थे, जिनमें से कुछ एक ढलान पर खड़े थे। ढलान पर खड़े कुछ लोग गिर गए, जिससे अन्य लोग असंतुलित होकर एक-दूसरे पर गिर गए।

इस बीच, गोवा चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेश पाटिल ने कहा कि भगदड़ में गंभीर रूप से घायल हुए पांच लोगों में से तीन की हालत में रविवार को सुधार देखने को मिला।

उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि घटना के बाद कुल 14 मरीज अस्पताल में भर्ती कराए गए थे और अब तक केवल एक को छुट्टी दी गई है।

डॉ. पाटिल ने बताया कि अहम बात यह है कि किसी भी गंभीर रूप से घायल मरीज की हालत खराब नहीं हुई है।

गोवा के राज्यपाल पी. एस. श्रीधरन पिल्लई ने रविवार को उत्तरी गोवा जिले के एक मंदिर में मची भगदड़ में मारे गए लोगों के परिवारों से मुलाकात करने के बाद कहा कि यह घटना ‘‘मानवीय कल्पना से परे’’ है। उन्होंने कहा कि सरकार पीड़ितों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।

इस त्रासदी के बावजूद, रविवार को सैकड़ों श्रद्धालु कम से कम दो किलोमीटर पैदल चलकर गांव में एक अनुष्ठान में भाग लेने के लिए पहुंचे, जिसमें देवी (उनका विग्रह) स्थानीय निवासियों के घरों में जाती हैं।

यह अनुष्ठान ‘‘होमखंड’’ समारोह के एक दिन बाद मनाया जाता है, जिसके दौरान व्यापक स्तर पर अग्नि जलायी जाती है और श्रद्धालु अंगारों पर चलते हैं।

श्री लईराई देवी मंदिर समिति के अध्यक्ष दीनानाथ गांवकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि ‘कौल’ अनुष्ठान को रोकना संभव नहीं है, जिस दौरान देवी को चार दिनों तक स्थानीय लोगों के घरों में ले जाया जाता है और उसके बाद देवी को फिर से मंदिर लाया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘शनिवार की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी। इसमें कई जानें चली गईं, लेकिन हम अनुष्ठानों को रोक नहीं सकते।’’

गांवकर ने कहा कि मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं से गांव में आने से परहेज करने की सार्वजनिक अपील की है। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने वाहनों को इलाके में प्रवेश करने से रोकने के लिए शिरगाओ के रास्ते में असनोरा गांव में भी अवरोधक लगाये हैं।’’

उन्होंने कहा कि देवी में अपनी आस्था के कारण कई लोग अब भी पैदल ही अनुष्ठान के लिए पहुंचे हैं।

हालांकि, मंदिर समिति की अपील के बावजूद, उत्सव के लिए लगाये गए स्टॉल काम करते रहे। स्थानीय लोगों में से एक ने कहा, ‘‘आप लोगों को उत्सव में शामिल होने से नहीं रोक सकते। देवी लईराई के श्रद्धालु गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक में फैले हुए हैं।’’

भाषा धीरज सुरेश

सुरेश


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